।। दोहा ।।
भक्ति बीज पलते नहीं ,जो जुग जाये अनंत।
उच नीच घर अवतरे , ओ रहे संत रो संत।।
मीरा बाई छोडो ,
साधुडा वालो साथ।
साधुडा थारे ,
लांछन लगावे जी।२
नणंद बाई ,
मुखड़ा सु मीठा बोलो।
साधु तेरे ने ,
माने तारसी ओ जी। २
मीरा बाई छोडो …
मीरा बाई पेरी लो ,
नव लख हार।
मोहन माला ने ,
मेल दो जी ।
मीरा बाई छोडो …
मीरा बाई पेरी लो ,
चिकना चीर।
भगवा तो मेलो ,
मायने ओ जी।
मीरा बाई छोडो …
मीरा बाई घोडा ,
सजाया राणो आज।
हाथी तो आवे ,
झूमता ओ जी। २
मीरा बाई छोडो …
मीरा बाई क्यों तो ,
लजाया माने आज।
राज चित्तोड़ रा ,
कांगड़ा ओ जी। २
मीरा बाई छोडो …
मीरा बाई कुण दिनों ,
थाने आशीर्वाद।
कीकर थे भगवा ,
पेरिया ओ जी। २
मीरा बाई छोडो …
नणंद बाई गुरु में तो ,
किदा रवि दास।
कृष्णा कन्हाईयो ,
वर पावियो जी। २
मीरा बाई छोडो …