।। दोहा।।
गुरु लोभ शीष लालची ,दोनों खेले दांव।
दोनों बूड़े बापु रे ,चढ़ी पाथर की नाव।।
संतो रे मुख पर बरसे नूर।
राज मोरी सैया ये ,
सतगुरु मिले तो बाता में करा ये। २
नदियों रे आगे नाळा क्या करे ये ,
सावन रे पेली सुख जाय।
राज मोरी सैया ये ,
सतगुरु मिले तो बाता में करा ये। २
संतो रे मुख। ……
सूरा रे आगे कायर क्या करे ये। २
भीड़ता ही पेली भग जाय।
राज मोरी सैया ये ,
सतगुरु मिले तो बाता में करा ये। २
संतो रे मुख। ……
पूरा गुरा रा लीजिये वारणा ये। २
अगुरु सु अलगा रिज्यो दूर।
राज मोरी सैया ये ,
सतगुरु मिले तो बाता में करा ये। २
संतो रे मुख। ……
दास अखोजी विनती कर रिया ये। २
संता रो अमरा पुर में वास।
राज मोरी सैया ये ,
सतगुरु मिले तो बाता में करा ये। २
संतो रे मुख पर बरसे नूर।
राज मोरी सैया ये ,
सतगुरु मिले तो बाता में करा ये। २
संतो रे मुख पर बरसे नूर राज मोरे सैयां रे सतगुरु मिले तो बता मैं करा जी भजन लिरिक्स satguru mile to bata me kara, satguru bhajan satguru ka bhajan