।। दोहा ।।
ज्यां घट बहुळी बुध बसै,रीत नीत परिणाम।
घड़ भांजै, भांजै घडै, सकल सुधारै काम।।
सोला संतोषी पेरिया ,
ज्ञान गुरु में रंगिया ।
सुमता री चादर ओढ,
अंग पे भभूत लगाया॥
वणिया वैरागी हरि नाम रा ,
हरि गुण हरि गुण गाया ।
सतगुरु सा मेहर भयी,
गुरू माने ज्ञान बताया ।
मन रा कीना मण कला ,
तन डोरा में पोया ।
घट में माला फेरता ,
नाम निगे कर जोया ॥
वणिया वैरागी हरि नाम रा ,
हरि गुण हरि गुण गाया ।
सतगुरु सा मेहर भयी,
गुरू माने ज्ञान बताया ।
सोला संतोषी ….
शील लंगोटा हेरिया ,
खमिया पावङी चढिया।
जरणो री झोली डाल दी ,
निर्गुण रोटी लाया ॥
वणिया वैरागी हरि नाम रा ,
हरि गुण हरि गुण गाया ।
सतगुरु सा मेहर भयी,
गुरू माने ज्ञान बताया ।
सोला संतोषी ….
दया धर्म री आ मंडली ,
तीन पाँच समझाया ।
बगसो खाती बोलियाँ ,
इण विध जोग कमाया ॥
वणिया वैरागी हरि नाम रा ,
हरि गुण हरि गुण गाया ।
सतगुरु सा मेहर भयी,
गुरू माने ज्ञान बताया ।
सोला संतोषी ….
श्याम पालीवाल का भजन | shyam paliwal bhajan video
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सोला सन्तोषी पेरिया भजन लिरिक्स in hindi
भजन :- सोला संतोषी पेरिया
गायक :- श्याम पालीवाल