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इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले | itna to karna swami jab pran tan se nikle bhajan lyrics

इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले, itna to karna swami jab pran tan se nikle, anuradha paudwal bhajan lyrics, hindi bhajan with lyrics, हिंदी भजन संग्रह लिरिक्स

इतना तो करना स्वामी ।।

इतना तो करना स्वामी ,
जब प्राण तन से निकले ।
गोविद नाम लेकर ,
फिर प्राण तन से निकले ।

श्री गंगाजी का तट जो ,
यमुना का बंसी – बट हो ।
मेरा साँवरा निकट हो ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

श्री वृन्दावन का स्थल हो ,
मेरे मुख में तुलसी – दल हो ।
विष्णु – चरण का जल हो ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

सन्मुख साँवरा खड़ा हो ,
मुरली का स्वर भरा हो ।
तिरछा चरण धरा हो ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

सिर सोहना मुकुट हो ,
मुखड़े पै काली लट हो ।
यही ध्यान मेरे घट हो ,
जब प्राण तन से निकले ॥
इतना तो
..

केसर तिलक हो आला ,
मुख चन्द्र सा उजाला ।
डालूं गले में माला ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

कानों जड़ाऊँ बाली ,
लटकी लटें हों काली।
देखू छटा निराली ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

पीताम्बरी कसी हो ,
होठों पै कुछ हँसी हो ।
छवि यह ही मन बसी हो ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

पचरंगी काछनी हो ,
पट – पीत से तनी हो ।
मेरी बात सब बनी हो ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

पग धो तृष्णा मिटाऊँ ,
तुलसी का पत्र पाऊँ ।
सिर चरण रज लगाऊँ ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

आना अवश्य आना ,
राधे को साथ लाना ।
दर्शन मुझे दिखाना ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

जब कण्ठ प्राण आवे ,
कोई रोग ना सतावे ।
यम दरश ना दिखावे ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

मेरा प्राण निकले सुख से ,
तेरा नाम निकले मुख से।
बच जाऊँ घोर दुःख से ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

उस वक्त जल्दी आना ,
नहीं श्याम भूल जाना ।
मुरली की धुन सुनाना ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

सुधि होवे नाहिं तन की ,
तैयारी हो गमन की ।
लकड़ी हो ब्रज – वन की ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

यह नेक सी अरज है ,
मानो तो क्या हरज है ।
कुछ आपका फरज है ,
जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

hindi bhajan with lyrics in English

भजन लिरिक्स

itna to karna swami BHAJAN LYRICS

itana to karana svaamee ,
jab praan tan se nikale .
govid naam lekar ,
phir praan tan se nikale .

shree gangaajee ka tat jo ,
yamuna ka bansee – bat ho .
mera saanvara nikat ho ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

shree vrndaavan ka sthal ho ,
mere mukh mein tulasee – dal ho .
vishnu – charan ka jal ho ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

sanmukh saanvara khada ho ,
muralee ka svar bhara ho .
tirachha charan dhara ho ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

sir sohana mukut ho ,
mukhade pai kaalee lat ho .
yahee dhyaan mere ghat ho ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

kesar tilak ho aala ,
mukh chandr sa ujaala .
daaloon gale mein maala ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

kaanon jadaoon baalee ,
latakee laten hon kaalee.
dekhoo chhata niraalee ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

peetaambaree kasee ho ,
hothon pai kuchh hansee ho .
chhavi yah hee man basee ho ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

pacharangee kaachhanee ho ,
pat – peet se tanee ho .
meree baat sab banee ho ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

pag dho trshna mitaoon ,
tulasee ka patr paoon .
sir charan raj lagaoon ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

aana avashy aana ,
raadhe ko saath laana .
darshan mujhe dikhaana ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

jab kanth praan aave ,
koee rog na sataave .
yam darash na dikhaave ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

mera praan nikale sukh se ,
tera naam nikale mukh se.
bach jaoon ghor duhkh se ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

us vakt jaldee aana ,
nahin shyaam bhool jaana .
muralee kee dhun sunaana ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

sudhi hove naahin tan kee ,
taiyaaree ho gaman kee .
lakadee ho braj – van kee ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

yah nek see araj hai ,
maano to kya haraj hai .
kuchh aapaka pharaj hai ,
jab praan tan se nikale .
itana to
..

BHAJAN LYRICS
हिंदी भजन संग्रह लिरिक्स in Hindi

इतना तो करना स्वामी भजन लिरिक्स

इतना तो करना स्वामी ,जब प्राण तन से निकले ।
गोविद नाम लेकर , फिर प्राण तन से निकले ।

श्री गंगाजी का तट जो , यमुना का बंसी – बट हो ।
मेरा साँवरा निकट हो , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

श्री वृन्दावन का स्थल हो , मेरे मुख में तुलसी – दल हो ।
विष्णु – चरण का जल हो , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

सन्मुख साँवरा खड़ा हो , मुरली का स्वर भरा हो ।
तिरछा चरण धरा हो , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

सिर सोहना मुकुट हो , मुखड़े पै काली लट हो ।
यही ध्यान मेरे घट हो , जब प्राण तन से निकले ॥
इतना तो
..

केसर तिलक हो आला , मुख चन्द्र सा उजाला ।
डालूं गले में माला , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

कानों जड़ाऊँ बाली , लटकी लटें हों काली।
देखू छटा निराली , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

पीताम्बरी कसी हो , होठों पै कुछ हँसी हो ।
छवि यह ही मन बसी हो , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

पचरंगी काछनी हो , पट – पीत से तनी हो ।
मेरी बात सब बनी हो , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

पग धो तृष्णा मिटाऊँ , तुलसी का पत्र पाऊँ ।
सिर चरण रज लगाऊँ , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

आना अवश्य आना , राधे को साथ लाना ।
दर्शन मुझे दिखाना , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

जब कण्ठ प्राण आवे , कोई रोग ना सतावे ।
यम दरश ना दिखावे , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

मेरा प्राण निकले सुख से , तेरा नाम निकले मुख से।
बच जाऊँ घोर दुःख से , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

उस वक्त जल्दी आना , नहीं श्याम भूल जाना ।
मुरली की धुन सुनाना , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

सुधि होवे नाहिं तन की , तैयारी हो गमन की ।
लकड़ी हो ब्रज – वन की , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

यह नेक सी अरज है , मानो तो क्या हरज है ।
कुछ आपका फरज है , जब प्राण तन से निकले ।
इतना तो
..

anuradha paudwal bhajan video

भजन/Bhajan Title = इतना तो करना स्वामी
गायिका :- अनुराधा पौडवाल
Bhajan Text- भजन

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