साई दीदार ही रब का दीदार है,
मेरा ईमान मेरा धर्म हो गया,
जबसे देखा तुझे मरहबा मरहबा,
साई महबूब मेरा सनम हो गया…
किस तरह से करू शुकरियाँ आपका,
आप ने जो दिया आप को पा लिया,
रब कहे शुकरियाँ,
मेरी नजरे झुकी है तेरे समाने,
दर्द मेरा भी थोड़ा सा कम हो गया…
मनो दौलत है क्या हाथ का मेल है,
ज़िंदगी कोई यारो नहीं खेल है,
ये यकीन है मेरा ये भरोसा मेरा,
साई बाबा का जिस पे कर्म हो गया,
वो तो सत्यम शिवम् सुंदरम हो गया…
साई दीदार ही रब का दीदार है,
मेरा ईमान मेरा धर्म हो गया,
जबसे देखा तुझे मरहबा मरहबा,
साई महबूब मेरा सनम हो गया…