श्री सतगुरु के प्रेमी मंजिल से ना घबराना,
दिन रात नाम का तू सुमिरन करते जाना ।
दुनिया के भोग तुझको मंजिल से गिराएंगे
दुनिया के लोग तुझको दीवाना बताएँगे ।
बातो में नहीं आना, पग पग बढ़ते जाना,
श्री सतगुरु के प्रेमी मंजिल से ना घबराना ॥
यह तेरा मुकद्दर था, तुझे पूर्ण संत मिले,
जीवन की बगिया में भक्ति के फूल खिले ।
हरी नाम से तुम अपनी झोली भरते जाना
श्री सतगुरु के प्रेमी मंजिल से ना घबराना ॥
प्रभु रूठे गुरु राखे, गुरु रूठे ठौर नहीं,
गुरु सेवक का रिश्ता, रिश्ता कोई और नहीं ।
इस रिश्ते को मनवा मुख्य कर के जाना,
- दुनिया का बन कर देख चूका, गुरुदेव का बन कर देख जरा
- न कहीं से दूर हैं मंजिलें, न कोई करीब की बात है
- मुझे चढ़ गया राधा रंग। श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम का रंग रंग
- राम का गुणगान करिये, राम का गुणगान करिये।
- हम पर नज़र कृपा की करना, करुणामयी श्यामा प्यारी करुणा रस बरसाती रहना,
- क्यों काया भटकावै माया जोड़ जोड़ धर जैगा गीता ज्ञान सुण्या
- बरसाना बरसाना ये है बरसाना, बाहर पीकर गिरनें वालो
shree satguru ke premi manjil se na ghabrana
shri sataguru ke premi manjil se na ghabaraana,
din raat naam ka too sumiran karate jaanaa
duniya ke bhog tujhako manjil se giraaenge
duniya ke log tujhako deevaana bataaenge
baato me nahi aana, pag pag badahate jaana,
shri sataguru ke premi manjil se na ghabaraana ..
yah tera mukaddar tha, tujhe poorn sant mile,
jeevan ki bagiya me bhakti ke phool khile
hari naam se tum apani jholi bharate jaanaa
shri sataguru ke premi manjil se na ghabaraana ..
prbhu roothe guru raakhe, guru roothe thaur nahi,
guru sevak ka rishta, rishta koi aur nahi
is rishte ko manava mukhy kar ke jaana,
shri sataguru ke premi manjil se na ghabaraana ..
shri sataguru ke premi manjil se na ghabaraana,
din raat naam ka too sumiran karate jaanaa