जब से देखा तुम्हे, जाने क्या हो गया,
ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ।
तू दाता है तेरा पुजारी हूँ मैं,
तेरे दर का ए बाबा भिखारी हूँ मैं ।
तेरी चौखट पे दिल है मेरा खो गया,
ए मुरली वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥
जब से मुझको ए श्याम तेरी भक्ति मिली,
मेरे मुरझाए मन में हैं कालिया खिली ।
जो ना सोचा कभी था वाही हो गया,
ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥
तेरे दरबार की वाह अजब शान है,
जो भी देखे वो ही तुझपे कुर्बान है ।
तेरी भक्ति का मुझको नशा हो गया,
ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥
‘शर्मा’ जब तेरी झांकी का दर्शन किया,
तेरे चरणो में तन मन यह अर्पण किया ।
इक दफा तेरी नगरी में जो भी गया,
ए मुरली वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥