अजी मत बरसो इन्दर राज या जग सेठाणी भीजे भजन लिरिक्स

अजी मत बरसो इन्दर राज
या जग सेठाणी भीजे
या जग सेठाणी भीजे
म्हारी राज राणी भीजे
अजी मत बरसों इन्दर राज
या जग सेठाणी भीजे।।

गुम्बज पर मेवा बरसे
मंदिर पर मेवा बरसे
अजी पौढ़ी पर अमृत धार
मोटी सेठाणी भीजे
अजी मत बरसों इन्दर राज
या जग सेठाणी भीजे।।

सावन की रुत मतवाली
झूले में झूंझण वाली
अरे सह पावे ना बौछार
या जग सेठाणी भीजे
अजी मत बरसों इन्दर राज
या जग सेठाणी भीजे।।

झूंझण से खबरिया आई
सब चलो लोग लुगाई
ले चलो छतर हजार
या जग सेठाणी भीजे
अजी मत बरसों इन्दर राज
या जग सेठाणी भीजे।।

पानी के मैया बहाने
इन्दर आयो दर्शन पाने
जया मेरो धन्य हुयो परिवार
दादी चरणा ने छूके
अजी मत बरसों इन्दर राज
या जग सेठाणी भीजे।।

अजी मत बरसो इन्दर राज
या जग सेठाणी भीजे
या जग सेठाणी भीजे
म्हारी राज राणी भीजे
अजी मत बरसो इन्दर राज
या जग सेठाणी भीजे।।

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

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