कर दो नजरें करम काली माॅं
दोहा – माॅं की महिमा है भली
हरती दुख संताप
भक्तों की मुश्किल हरे
स्वयं काटती पाप।
कर दो नजरें करम काली माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं
आएं दर पे सवाली मेरी माॅं
हो निगाहें करम मेरी माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं।।
जय काली कलकत्ते वाली
भक्तों को माॅं तारने वाली
चुन चुन के असुरों को मारे
वार तेरा ना जाए खाली
ओ भरदो झोली खाली मेरी माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं।।
गले सजे मुण्डो की माला
चण्डी माॅं का रूप निराला
एक हाथ त्रिशूल लिया है
दूजे से खप्पर भर डाला
ओ नयनों में तेरे लाली माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं।।
क्रोध में माॅं का रूप भयंकर
चरणों में माॅं के शिव शंकर
सौ सिंहो से तू बलशाली
कृपामयी है दुर्गा काली
हो ‘शुभम’ पर रहम मेरी माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं।।
कर दो नजरे करम काली माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं
आएं दर पे सवाली मेरी माॅं
हो निगाहें करम मेरी माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं
करदो नज़रें करम काली माॅं।।
गायक – Pramod Tripathi
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