चुनरी सितारों वाली ये
कमाल कर गई
भक्तों को माँ की चुनरी ये
निहाल कर गई।।
उड़ उड़ के चुनर पहुँच गई
ब्रम्हा जी के धाम
ब्रम्हाणी ने ली हाथ चुनर
माँ की अपने थाम
ब्रम्हाणी ने ओढ़ी चुनर
कमाल कर गई
भक्तों को माँ की चुनरी ये
निहाल कर गई।।
उड़ उड़ के चुनर पहुँच गई
विष्णु लोक में
माँ लक्ष्मी ने थाम लई
चुनर हाथ में
लक्ष्मी ने ओढ़ी चुनर ये
कमाल कर गई
भक्तों को माँ की चुनरी ये
निहाल कर गई।।
उड़ उड़ के चुनर पहुँच गई
कैलाश पे
उड़के चुनरिया पहुंची
गौरा माँ के हाथ में
गौरा पे साजी चुनरी ये
कमाल कर गई
भक्तों को माँ की चुनरी ये
निहाल कर गई।।
उड़ उड़ के चुनर पहुँच गई
अयोध्या के धाम
पहुंची जहाँ पे बैठे
सीता माँ के संग राम
सीता श्रृंगार में चुनर
कमाल कर गई
भक्तों को माँ की चुनरी ये
निहाल कर गई।।
बरसाने उड़ के पहुँच गई
चुनरी मात की
राधे ने चुनर मात की
थी हाथ थाम ली
राधे पहनी चुनर ये
कमाल कर गई
भक्तों को माँ की चुनरी ये
निहाल कर गई।।
चुनरी सितारों वाली ये
कमाल कर गई
भक्तों को माँ की चुनरी ये
निहाल कर गई।।
गायक – राकेश जी काला।
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