दरबार तेरा दरबारों में
जैसे कोई चाँद हो तारों में
महिमा गाऊँ क्या तेरी माँ
तुझ सा नहीं एक हज़ारों में।।
फिल्मी तर्ज भजन = दिल लूटने वाले जादूगर।
जो भी तेरे दर आता है
मन चाही मुरादें पाता है
मुमकिन ही नहीं तुलना उसकी
माँ बच्चों का जो नाता है
ख़ुशक़िस्मत हूँ बड़भागी हूँ
मैं भी हूँ तेरे दुलारों में
दरबार तेरा दरबारो में
जैसे कोई चाँद हो तारों में।।
जब जब तेरा दर्शन पाऊँ
मैया मैं गदगद हो जाऊँ
कुछ ना कुछ दे ही देती हो
जब भी तेरे दर पर आऊँ
हर बार नया इक जुड़ जाता
उपकार तेरे उपकारों में
दरबार तेरा दरबारो में
जैसे कोई चाँद हो तारों में।।
बच्चों का सब कुछ तू है माँ
मैं फूल हूँ तू ख़ुशबू है माँ
‘साहिल’ मैं क्या हूँ कुछ भी नहीं
सब तेरा ही जादू है माँ
दुख को सुख में बदला तूने
मातम बदला त्यौहारों में
दरबार तेरा दरबारो में
जैसे कोई चाँद हो तारों में।।
दरबार तेरा दरबारों में
जैसे कोई चाँद हो तारों में
महिमा गाऊँ क्या तेरी माँ
तुझ सा नहीं एक हज़ारों में।।
- फूल अगर मे होता भवन माँ तेरा महकता शान से
- दे दर्शन इक बार दातिए कर किरपा
- तेरे नाम का दीवाना मैया तुझे पुकारे
- तेरा उँचा मंदिर सोना माई लगदा है
- कुछ ऐसा कर मैया झोली खुशियो से भर जाए
- माँ की हर बात निराली है
गायक – निधि साहिल।
गीतकार – प्रदीप साहिल।
Bhajan Lyrics in Hindi with Video