दर दर का भटकना छूट गया जबसे माँ तेरा द्वार मिला भजन लिरिक्स

दर दर का भटकना छूट गया
जबसे माँ तेरा द्वार मिला
द्वार मिला द्वार मिला
आँखों से बहते आंसू रुके
बेटे को माँ का प्यार मिला
प्यार मिला प्यार मिला।।

मन का हर विकार गया
मिल जो द्वार गया
विपदा दूर भगी
सोइ तक़दीर जगी
मजधार में अटका बेड़ा जो
पल में लगा वो पार मिला
पार मिला पार मिला
आँखों से बहते आंसू रुके
बेटे को माँ का प्यार मिला
प्यार मिला प्यार मिला।।

महिमा अपार है माँ
पूजे संसार है माँ
ममता महान तेरी
ऊँची है शान तेरी
भक्ति से शक्ति मिलती है
जीवन का यही सार मिला
सार मिला सार मिला
दर दर का भटकना छूट गया
जबसे माँ तेरा द्वार मिला
द्वार मिला द्वार मिला
आँखों से बहते आंसू रुके
बेटे को माँ का प्यार मिला
प्यार मिला प्यार मिला।।

मांगता वर में यही
छूटे ना दर माँ कभी
तेरा गुणगान रहे
चरणों में ध्यान रहे
लख्खा की उलझन सरल हुई
मन से जो माँ का तार मिला
तार मिला तार मिला
आँखों से बहते आंसू रुके
बेटे को माँ का प्यार मिला
प्यार मिला प्यार मिला।।

दर दर का भटकना छूट गया
जबसे माँ तेरा द्वार मिला
द्वार मिला द्वार मिला
आँखों से बहते आंसू रुके
बेटे को माँ का प्यार मिला
प्यार मिला प्यार मिला।।

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