माँ का दर चूमकर सारे गम भूलकर भजन लिरिक्स

माँ का दर चूमकर सारे गम भूलकर भजन लिरिक्स

माँ का दर चूमकर
सारे गम भूलकर
मैंने अर्जी लगाई मजा आ गया
दर बदर घूम कर
मैया के द्वार पर
मैंने झोली फैलाई मजा आ गया।।

फिल्मी तर्ज भजन = मेरे रश्के कमर।

सिंह पर बैठ कर माँ भवानी चली
दुष्ट दानव पे माँ की दुधारी चली
रण में संहार कर दुष्टों को मार कर
मुण्डमाला बनाई मजा आ गया।।

माँ की कृपा के बादल बरस जायेंगे
सबके बिगड़े मुकद्दर संवर जायेंगे
बात बन जायेगी झोली भर जायेगी
माँ से आशा लगाई मजा आ गया।।

आसरा इस जहाँ का मिले न मिले
माँ के दर पे ‘पदम्’ को ठिकाना मिले
आ गये द्वार माँ कर दो उपकार माँ
माँ की महिमा को गाई मजा आ गया।।

माँ का दर चूमकर
सारे गम भूलकर
मैंने अर्जी लगाई मजा आ गया
दर बदर घूम कर
मैया के द्वार पर
मैंने झोली फैलाई मजा आ गया।।

गायक – Mukesh Kumar

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

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