माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी
और नही नैमी हूँ मै
कुछ नही है पास मेरे
क्या करू अर्पण तुम्हे
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी।।
फिल्मी तर्ज भजन = आपकी नज़रो ने समझा।
है यही एक आरज़ू
तेरी सेवा नित मिले
बेटा कहलाऊँ तेरा
मुझको हक इतना मिले
मन मे यह उम्मीदे लेकर
आ पड़ा दर पर हूँ मै
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी।।
कुछ न माँगू मै कभी
तूमसे ऐ माता मेरी
ऐसे ही बरसे सदा
मूझपे कृपा माँ तेरी
फिर भले इस जग से
मुझको कुछ मिले या ना मिले
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी।।
जिस पे तेरी हो कृपा
उसको फिर क्या चाहिए
मेरे घर पर भी कभी
माता रानी आइये
क्या कहूँ तुमसे ऐ मैया
दास छोटा सा हूँ मै
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी।।
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी
और नही नैमी हूँ मै
कुछ नही है पास मेरे
क्या करू अर्पण तुम्हे
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी।।