माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी भजन लिरिक्स

ज्योत जगा के सर को झुका के
मैं मनाऊंगी दर पे आउंगी
मैं शीश झुकाऊँगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी।।

संतो महंतो को बुला के
घर में कराऊं जगराता
सुनती है सब की फरियादे
मेरी भी सुन लेगी माता
झोली भरेगी
संकट हरेगी दर पे आऊँगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी।।

विनती सुनो शेरा वाली
माँ खड़ी मैं बन के सवाली
झोली भरो मेरी रानी वाली माँ
गोद है लाल से खाली
विनती सुनो झोली भरो
मैं दर पे आउंगी
मैं शीश झुकाऊँगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी।।

भवन तेरा सब से ऊँचा माँ
और गुफा तेरी न्यारी
भाग्य विधाता ज्योता वाली माँ
कहती है दुनिया सारी
दाति तुम्हारा लेके सहारा
दर पे आउंगी शीश झुकाऊँगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी।।

ज्योत जगा के सर को झुका के
मैं मनाऊंगी दर पे आउंगी
मैं शीश झुकाऊँगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी।।

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