ये जग की मात है रानी सती दादी भजन भजन लिरिक्स

साँचो दरबार लग्यो
और किर्तन की रात है
जी चाहे जो भी मांगल्यो
ये जग की मात है
साँचो दरबार लग्यो
और किर्तन की रात है।।

फिल्मी तर्ज भजन = काहे घबराता है दिल।

बैठी है दादीजी लगाके दरबार
गूंज रही चहुं ओर माँ की जय जयकार
दुखिया पुकारे दादी मेहर करो
जो भी तुझे ध्यावे भण्डार भरो
छोटी सी आस है मेरी
छोटी सी बात है
साँचो दरबार लग्यो
और किर्तन की रात है।।

जग में निराला दादी तेज तेरा
काँहे अँधियारा मैया मनवा मेरा
सबके भण्डार भरो अन्न-धन से
मुझे क्यों भुलाया दादी निज मन से
आखिर खता है क्या मेरी
क्यूँ दुःख का साथ है
साँचो दरबार लग्यो
और किर्तन की रात है।।

इतनी कृपा तो दादी हम पे करो
भजनों में लगा रहूँ विपदा हरो
हाँथों में उठाल्यो थारो मेंहदी बनूँ
चरणां लगाल्यो थारी पैजणी बणू
चरणों में निखरे ‘मगन’
मन की ये साध है
साँचो दरबार लग्यो
और किर्तन की रात है।।

साँचो दरबार लग्यो
और किर्तन की रात है
जी चाहे जो भी मांगल्यो
ये जग की मात है
साँचो दरबार लग्यो
और किर्तन की रात है।।

गायक – Shivang Sharma

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