सजा दो दर को फूलों से माँ का नवरात आया है भजन लिरिक्स

सजा दो दर को फूलों से
माँ का नवरात आया है
सम्पदा कीर्ति यश वैभव
व सुख समृद्धि लाया है
सजा दो दर को फूलो से
माँ का नवरात आया है।।

फिल्मी तर्ज भजन = सजा दो घर को गुलशन।

पखारो माँ चरणों को
बहा दो प्रेम की गंगा
बहा दो प्रेम की गंगा
बिछा दो फूल पलको से
माँ का नवरात आया है
सजा दो दर को फूलो से
माँ का नवरात आया है।।

देखकर अपनी मैया को
मेरी आँखे भी भर आई
मेरी आँखे भी भर आई
हुई रोशन मेरी गलियां
माँ का नवरात आया है
सजा दो दर को फूलो से
माँ का नवरात आया है।।

बनाकर भोग हाथों से
हे माँ मैं तुझे खिलाऊंगा
हे माँ मैं तुझे खिलाऊंगा
रहेगा सेवा में ‘देवेंद्र’
माँ का नवरात आया है
सजा दो दर को फूलो से
माँ का नवरात आया है।।

सजा दो दर को फूलों से
माँ का नवरात आया है
सम्पदा कीर्ति यश वैभव
व सुख समृद्धि लाया है
सजा दो दर को फूलो से
माँ का नवरात आया है।।

गायक – श्री देवेंद्र पाठक जी महाराज।

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

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