संकट में झुँझन वाली की
सकलाई देखि है
मेरे संग संग चलती
दादी की परछाई देखि है
मेरे संग संग चलती
दादी की परछाई देखि हैं।।
फिल्मी तर्ज भजन = दिल दीवाने का डोला।
कोई राह नज़र ना आए
जब छाए गम के बादल
सर पे महसूस किया है
मैंने दादी का आँचल
माँ की चुनड़ी मेरे सर पे
माँ की चुनड़ी मेरे सर पे
लहराई देखि है
मेरे संग संग चलती
दादी की परछाई देखि हैं।।
ये है तक़दीर हमारी
जो तेरी शरण मिली है
क़िस्मत से तू हम भक्तो की
दादी तू कुलदेवी है
मेरे सुख दुःख ने हरदम
मेरे सुख दुःख ने हरदम
माँ आई देखि है
मेरे संग संग चलती
दादी की परछाई देखि हैं।।
तूने तो दिया है दादी
मुझको औकात से बढ़कर
‘सौरभ मधुकर’ की तूने
रख दी तक़दीर बदलकर
हमने माँ के दरबार की
हमने माँ के दरबार की
सच्चाई देखि है
मेरे संग संग चलती
दादी की परछाई देखि हैं।।
संकट में झुँझन वाली की
सकलाई देखि है
मेरे संग संग चलती
दादी की परछाई देखि है
मेरे संग संग चलती
दादी की परछाई देखि हैं।।
गायक – Keshav & Saurabh Madhukar
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