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अबके फागुन में रंग मेहँदीपुर दरबार भजन लिरिक्स

अबके फागुन में रंग मेहँदी पुर दरबार
होली खेलेगी संग बाला जी सरकार
अबके फागुन में रंग मेहँदी पुर दरबार।।

सिन्धुरी रंग रंग के बाबा हो कर के मस्ताना
छम छम नाचे बाँध के घुंगरू ऐसा राम दीवाना
भर भर मुठी बांटेगा वो देगा छपड़ फाड़
अबके फागुन में रंग मेहँदी पुर दरबार।।

कोई दुखिया हो किसी भी दुःख में दुखड़े सारे मिटे गे
संकट हो छोटा मोटा सब के सारे कष्ट काटेंगे
सोटा उठा के बाला जी भूता पे कर दे बार
अबके फागुन में रंग मेहँदी पुर दरबार।।

जिस रंग में झूमे अंजनी लाल उस रंग में सब ने रंग दे
करिश्मा मीनू अर्जी लावे सारी पूरी करदे
लाडली दोनों बाला जी की खूब बरसे गा प्यार
अबके फागुन में रंग मेहँदी पुर दरबार।।

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