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टोली भक्तन की देखो रे सालासर चली भजन लिरिक्स

टोली भक्तन की देखो रे सालासर चली
लाल ध्वज बजरंगी की हत्था में थाली।।

जाके बजरंगी बाला रात जगावेंगे
क्या स्वमणी का बजरंगी के रोट चढ़वांगे।।

मुँह मंगा वर पवंगा न आवेंगे खली
लाल ध्वज बजरंगी की हत्था में थाली।।

कश्त नष्ट हो जाते जिसके डार पे जाने से
मनोकामना पूर्णा होवे ज्योत जगाने।।

भक्तो का मन मोहे रे सिंदूर की लाली
लाल ध्वज बजरंगी की हत्था में थाली।।

चैत सुदी पूनम का मेला लागे से भारी
दूर से दूर दर्शन करने आवे नर नारी।।

राजपाल लक्खा की कोई बात नहीं ताली
लाल ध्वज बजरंगी की हत्था में थाली।।

टोली भक्तन की देखो रे सालासर चली
लाल ध्वज बजरंगी की हत्था में थाली।।

Toli Bhaktan Ki Dekho Re Salasar chali
Laal Dwaja Bajrnagi Ki Hatha Mein Thali

Jaake Bajrangi Bala Raat Jagavenge
Are Swamani Ka Bajrnagi Ke Rot Chadavange

Muh Manga Var Pavanga Na Aaveange Khali
Laal Dwaja Bajrnagi Ki Hatha Mein Thali

Kasht Nasht Ho Jaate Jiske Dar Pe Jaane Se
Manokamna Poorna Hove Jyot Jagane

Bhakto Ka Man Mohe Re Sindoor Ki Laali
Laal Dwaja Bajrnagi Ki Hatha Mein Thali

Chait Sudi Poonam Ka Mela Laage Se Bhari
Door Se Door Darshan Karne Aave Nar Naari

Rajpal Lakkha Ki Koi Baat Nahi Taali
Laal Dwaja Bajrnagi Ki Hatha Mein Thali

Toli Bhaktan Ki Dekho Re Salasar chali
Laal Dwaja Bajrnagi Ki Hatha Mein Thali

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