मैं मेहंदीपुर मे आया था कंगाल भक्तो
बालाजी ने कर दिया मालामाल भक्तो।।
मैं मेहंदीपुर मे आया था कंगाल भक्तो
बालाजी ने कर दिया मालामाल भक्तो।।
बालाजी है बड़े है दयालु
रात दिना बाटे धन माल।।
आँख मूँद के बाटे सबको
सेठ हो या हो कंगाल ।।
झोला लेकर पहुच गया में
बाला के घर पिछले साल
मेरे घर में रोटी
ऊकादे का था आकाल भक्तो
बालाजी ने कर दिया मालामाल भक्तो।।
मैं मेहंदीपुर मे आया था कंगल भक्तो
बालाजी ने कर दिया मालामाल भक्तो।।
मैने माँगा तोड़ा सा तो
बाबा ने भरदी झोली।।
दोनो हाथो से मैने
माल की भरली कोली।।
सिर पे गद्दी धर के
मानने बालाजी की जय बोली।।
मेरे सारे संकट
दिए बालाजी ने ताल भक्तो।।
मैं मेहंदीपुर मे आया था कंगल भक्तो
बालाजी ने कर दिया मालामाल भक्तो।।
- बस एक बार आजा हनुमान की शरण में
- घुंघरू बाजे रे बजरंग नाचे रे हनुमान भजन
- आ लौट के आज हनुमान तुझे श्री राम बुलाते हैं
- सीने में सिया राम रहते है इन्हे हनुमान कहते है
- भक्ति का घर दूर है जैसे पेड़ खजूर
- संकट मोचन नाम तिहारो
- आज मंगलवार है महावीर का वार है ये सच्चा दरबार है
- मुख पे तेरे राम नाम आएगा
Mein Mendipur Me Aaya Tha Kangal Bhakto
Balaji Ne Kar Diya Malamal Bhakto
Main Mendipur Me Aaya Tha Kangal Bhakto
Balaji Ne Kar Diya Malamal Bhakto
Balaji Hai Bade Hai Dayalu
Raat Dina Baate Dhan Maal
Aankh Mood Ke Baate Sabko
Seth Ho Yaa Ho Kangaal
Jhola Lekar Pahuch Gaya Mein
Bala Ke Ghar Pichhale Saal
Mere Ghar Mein Roti
ukade Ka ThaAkaal Bhakto
Balaji Ne Kar Diya Malamal Bhakto
Main Mendipur Me Aaya Tha Kangal Bhakto
Balaji Ne Kar Diya Malamal Bhakto
Maine Manga Thoda Saa To
Baba Ne Bhardi Jholi
Dono Hatho Se Maine
Maal Ki Bharli Koli
Sir Pe Gaddi Dhar Ke
Manne Balaji Ki Jai Boli
Mere Saare Sankat
Diye Balaji Ne Taal Bhakto
Main Mendipur Me Aaya Tha Kangal Bhakto
Balaji Ne Kar Diya Malamal Bhakto