मैं बालाजी की ज्योत जलाऊँगी
माँ मंदिर में जाके।।
मैं बालाजी की ज्योत जलाऊँगी
माँ मंदिर में जाके।।
बिगड़ी बनाए माँ बजरंग बाला
कष्ट मिटाए माँ अंजनी का लाला
उस बाबा के दर्शन पौँगी
माँ मंदिर में जाके
मैं बालाजी की ज्योत जलाऊँगी
माँ मंदिर में जाके
सखी सहेली संग मंदिर में जाउंगी
पूजा कर जब वापिस आओ।।
तन्ने बालाजी की कथा सुनाऊँगी
मा मंदिर में जाके।।
खीर चुरमे का भोग बनडे
एक सुतली सी ध्वजा सिला दे
चरना में भेट चढ़ाउंगी
माँ मंदिर में जाके।।
बालाजी को भेत चढ़ाउंगी
माँ मंदिर में जाके।।
एक बात तू मुकेश की मानले
तू भी बाबा की शरण में जा।।
कौशिक के भजन सुनाऊँगी
मा मंदिर में जाके।।
मैं बालाजी की ज्योत जलाऊँगी
मा मंदिर में जाके।।
Main Balaji Ki Jyot Jalaungi
Maa Mandir Mein Jaake
Main Balaji Ki Jyot Jalaungi
Maa Mandir Mein Jaake
Bigadi Banaye Maa Bajrang Bala
Kast Mitaye Maa Anjani Ka Laala
Uss Baba Ke Darshan Paungi
Maa Mandir Mein Jaake
Main Balaji Ki Jyot Jalaungi
Maa Mandir Mein Jaake
Sakhi Saheli Sang Mandir Mein Jau
Pooja Kar Jab Vapis Aau
Tanne Balaji Ki Katha Sunaungi
Maa Mandir Mein Jaake
Kheer Churme Ka Bhog Banade
Ek Sutali Si Dhwaja Sila De
Charana Mein Bheit Chadaungi
Maa Mandir Mein Jaake
Balaji Ko Bheit Chadaungi
Maa Mandir Mein Jaake
Ek Baat Tu Mukesh Ki Maanle
Tu Bhi Baba Ki Sharan Mein Jaa
Kaushik Ke Bhajan Sunaugi
Maa Mandir Mein Jaake
Main Balaji Ki Jyot Jalaungi
Maa Mandir Mein Jaake