जो भी थारे द्वारे आवे खाली नही जावे रे,
भर झोली ले जावे थारे द्वार से,
सालासर वाला रै ओ अंजनी रा लाला रे,
जपू थारी माला रै सालासर वाला रे,
पैदल थारे आव रै ओ दर्शन पाव रे,
ओ पैदल आवे रै ओ दर्शन पाव रे,
सालासर वाला रै ओ अंजनी रा लाला रे,
जपू थारी माला रै सालासर वालारे,
सालासर वाला रै ओ अंजनी रा लाला रे,
बिगड्या तु तो काज बणावेन,
सालासर रा धणिया रे,
दूर दूर से आवे थारे जातरु,
ओ भोग लगावे रै जडूला चढावे रे,
भोग लगावे रै दर्शन पाव रे,
सालासर वाला रै ओ अंजनी रा लाला रे,
जपू थारी माला रै सालासर वाला रे,
ओ भोग लगावे रै जडुला चढावे रे,
भोग लगावे रै दर्शन पाव रे।।
सुरज सामी देवरो,
थारी ध्वजा फरूके असमान रे,
झाझ नगारा बाजै थारे द्वार पे,
चूरमो ल्यावे रै हो भोग लगावे रे,
चूरमो ल्यावे रै सिन्दूर चढावे रे,
सालासर वाला रै ओ अंजनी रा लाला रे,
चूरमो ल्यावे रै हो भोग लगावे रे,
चूरमो ल्यावे रै सिन्दूर चढावे रे।।
जपू थारी माला रै सालासर वालारे,
मनोहर पुजारी थारो सेवक,
नित उठ धोक लगावे रे,
नोरतन योगी थारा गुण, गाव रे,
ओ पैदल आव रै ओ दर्शन पाव रे,
पैदल आव रै हो भोग लगावे रै
सालासर वाला रै ओ अंजनी रा लालारे
जपू थारी माला रै सालासर वाला रै
चूरमो ल्यावे रै हो भोग लगावे रे,
चूरमो ल्यावे रै सिन्दूर चढावे रे।।