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सुनलो बाबा बजरंगी मैं कैसे तुझे रिझाऊं

राम सियाराम सियाराम सियाराम,
राम सियाराम सियाराम सियाराम।।

सुनलो बाबा बजरंगी मैं कैसे तुझे रिझाऊं,
चरणों में मुझे बिठा लो मैं तुमसे इतना चाहूँ,
राम सियाराम सियाराम।।

इस जग में भटक रहा हूँ मैं दर दर मारा मारा,
फिर तेरे दर पर आकर मुझको है मिला सहारा,
उपकार किये तुम इतने मैं कैसे तुझे गिनाऊँ,
चरणों में मुझे बिठा लो मैं तुमसे इतना चाहूँ,
सुनलो बाबा बजरंगी,
राम सियाराम सियाराम।।

कोई खीर चूरमा लावे कोई सवा मणि करवावे,
कोई छप्पन भोग लगा कर मेरे बाबा तुझे रिझावे,
मैं तो निर्धन हूँ बाबा दो आंसू ही भेंट चढ़ाऊँ,
चरणों में मुझे बिठा लो मैं तुमसे इतना चाहूँ,
सुनलो बाबा बजरंगी,
राम सियाराम सियाराम।।

हो संकट मोचन तुम ही संकट से मुझे उबारो,
आये दर दीन दुखी को भव सागर से तुम तारो,
दीपक दरबार में तेरे आकर के प्रभु जगाऊँ,
चरणों में मुझे बिठा लो मैं तुमसे इतना चाहूँ,
सुनलो बाबा बजरंगी,
राम सियाराम सियाराम।।

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