दिखवा है ये धन दौलत इसे बस प्रेम भाता है,
अगर हो प्रेम सच्चा तो ये नंगे पांव आता है,
ये रहता हरदम खड़ा प्रेमियों के लिए..
प्रेम मीरा ने ऐसा अनोखा किया,
भर के प्याला हला हल वो विष पी गई,
धन दौलत महल राज को त्याग के,
सांवरे की वो एसी दीवानी हुई,
नाची मस्ती में वो सांवरे के लिए,
दिखवा है ये धन..
भाव नरसी के जैसा जगाये कोई,
नानी बाई सी करुना दिखाए कोई,
उसको अपनों के जैसे बुलाये कोई,
गाके भजनों से उसको रिझाये कोई,
फिर से आयेगा ये मायेरे के लिए,
दिखवा है ये धन..
बैठ कर देख ये आमने सामने,
बात बिगड़ी हुई है तो बन जायेगी,
जन्मो जन्मो का बिगड़ा मुकदर तेरा,
यहाँ पल भर में किस्मत सवर जायेगी,
फिर न बिगड़े गी ये उम्र भर के लिए,
दिखवा है ये धन.
ऐसा दानी दयालु ये दातार है,
इसकी माया का पाया नही पार है,
धर्वु प्रहलाद के वास्ते आ गया,
आके कर्मा का ये खिचड़ा खा गया,
संजू आया है हरदम सभी के लिए,
दिखवा है ये धन..
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dikhava hai ye dhan daulat bhajan Lyrics
dikhava hai ye dhan daulat ise bas prem bhata hai,
agar ho prem sachcha to ye nange panv ata hai,
ye rahata haradam khada premiyon ke lie..
prem mira ne aisa anokha kiya,
bhar ke pyala hala hal vo vish pi gai,
dhan daulat mahal raj ko tyag ke,
sanvare ki vo esi divani hui,
nachi masti mein vo sanvare ke lie,
dikhava hai ye dhan..
bhav narasi ke jaisa jagaye koi,
nani bai si karuna dikhae koi,
usako apanon ke jaise bulaye koi,
gake bhajanon se usako rijhaye koi,
phir se ayega ye mayere ke lie,
dikhava hai ye dhan..
baith kar dekh ye amane samane,
bat bigadi hui hai to ban jayegi,
janmo janmo ka bigada mukadar tera,
yahan pal bhar mein kismat savar jayegi,
phir na bigade gi ye umr bhar ke lie,
dikhava hai ye dhan.
aisa dani dayalu ye datar hai,
isaki maya ka paya nahi par hai,
dharvu prahalad ke vaste a gaya,
ake karma ka ye khichada kha gaya,
sanju aya hai haradam sabhi ke lie,
dikhava hai ye dhan..
कृष्ण भजन लिरिक्स