चल हंसा सतलोक हमारे भजन लिरिक्स
चल हंसा सतलोक हमारे chal hansa satlok hamare bhajan संत कबीर दास का भजन चल हंसा सतलोक हमारे चल हंसा सतलोक हमारे ,छोडो यह संसारा हो। यही संसार काल है राजा ,करम को जाल पसारा हो।चौदह खंड बसे जाके मुख ,सब को करत अहारा हो।चल हंसा …. जारि बारी कोयला कर डारत ,फिर फिर दे …