अज्ज ध्यानु नचदा नी, दातिए, आ मंदिरा विच तेरे,

अज्ज ध्यानु नचदा नी, दातिए, आ मंदिरा विच तेरे, पैरी घुंघरू पाए ने, लग्गी रौनक चार चुफेरे, अज्ज ध्यानु नचदा नी… ध्यानु दे गल विच माला ए, रंग चढ़या मस्ती वाला ए, होया मस्ती च मस्त ग्वाला, रेहमत वरदी चार चुफेरे, अज्ज ध्यानु नचदा नी… होया हुकम माँ शेरावाली दा, ध्यानु नू तारन वाली दा, …

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मैं तो चल वृन्दावन चलिए, जहाँ रहते हैं मेरे श्याम,

मैं तो चल वृन्दावन चलिए, जहाँ रहते हैं मेरे श्याम, मैं तो चल वृन्दावन चलिए… मैं तो चल गोकुल में चलिए, जहाँ गैया चराते श्याम, मैं तो चल वृन्दावन चलिए… मैं तो चल निधिवन चलिए, जहाँ रास रचाते श्याम, मैं तो चल वृन्दावन चलिए… मैं तो चल गोवर्धन चलिए, जहाँ पर्वत उठाते श्याम, मैं तो …

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मैं बालक तू माता, शेरां वालीये, है अटूट यह नाता, शेरां वालीये

मैं बालक तू माता, शेरां वालीये, है अटूट यह नाता, शेरां वालीये शेरां वालीये माँ, पहाडा वालीये माँ, मेहरा वालीये माँ, ज्योतां वालीये माँ तेरी ममता, मिली है मुझको, तेरा प्यार मिला है तेरे आँचल की छाया मे मन का फूल खिला है तूने बुद्धि तूने साहस तूने ज्ञान दिया मस्तक उचा कर के जीने …

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सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं तेरे सिवा कोई हमारा नहीं

सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं तेरे सिवा कोई हमारा नहीं जब से देखा सावरे, जलवा तुम्हारा, दिल तुझ पे है वारा, तेरे हो लिए तुमने भी सावरे, मेरी राहों से, चुन चुन कर के कांटे फूल बो दिए तेरी यह जुदाई गवारा नहीं, सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं… जब जब मैं सावरे, दर तेरे आया, …

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ये सारे खेल तुम्हारे है जग कहता खेल नसीबों का

ये सारे खेल तुम्हारे है, जग कहता खेल नसीबों का मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू , मैंने सुना तु यार गरीबों का तेरी दीन सुदामा से यारी , हमको ये सबक सिखाती है धनवानों की ये दुनियां है, पर तु निर्धन का साथी है दौलत के दीवाने क्या जाने, तु आशिक़ सदा गरीबों का मैं …

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जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या रिश्तेदार हैं, उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।

जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या रिश्तेदार हैं, उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है । वो भी बाबा कहते हैं हम भी बाबा कहते हैं, वो भी सेवा करते हैं हम भी सेवा करते हैं । हम तो छोटे मोटे भिखारी वो क्या जागीरदार हैं, उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ॥ वो …

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राजीव लोचन राम आज अपने घर आए । कण कण पुलकित, पुरजन हर्षित,

राजीव लोचन राम आज अपने घर आए । कण कण पुलकित, पुरजन हर्षित, राम लकहन सिया जान मन भाए ॥ नाचे किन्नर नाग बदूटी, बार बार कुसुमांजलि छूटी । हे जग पावन, मुनि मन भावन, असीसो भाजस बरनी न जाए ॥ राजीव लोचन राम आज अपने घर आए… नगर गाँव सब बजत बधाएं, नर नारीन …

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अंत समय मेरी जुबां से निकले तेरा नाम

देना हो तो झुंझनवाली दे इतना वरदान अंत समय मेरी जुबां से निकले तेरा नाम नमो नारायणी… नमो नारायणी… नमो नारायणी… नमो नारायणी… खो जाऊं जब पांच तत्त्व में, हो वो झुंझनू धाम… अंत समय मेरी जुबां से निकले तेरा नाम नमो नारायणी… नमो नारायणी… नमो नारायणी… नमो नारायणी… बिन मांगे सब कुछ देकर दया …

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