हे माँ के भवन के तले, भजन लिरिक्स | Bhajan Lyrics
हे माँ के भवन के तले,जगदीयां ज्योत जले,पहाड़ गंगा का निर्मल पानी,नहाते ही पाप कटेहे माँ के भवन के तले,जगदीयां ज्योत जले। सुहा सुहा चोला अंग विराजेकेसर तिलक लगे ,हे माँ के भवन के तले,जगदीयां ज्योत जले। नंगे नंगे पैरों अकबर आयासोने का छत्तर चढ़े,हे माँ के भवन के तले,जगदीयां ज्योत जले। ध्यानू भगत मैया …