कबीरा कबसे भयो बैरागी भजन लिरिक्स
कबीरा कबसे भयो बैरागी kabira kab se bhaiya bairagi मालवा भजन कबीर दास जी कबीर सा कबके भये वैरागी कबके भये वैरागी ,कबीर सा कबके भये वैरागी।नाथजी हम जबसे भये वैरागी ,मेरी आदि अंत सुधलागि। धुंधकार आदिको मेला ,नहीं गुरु नहीं चेला।जबका तो हम योग उपासा ,तबका फिरो अकेला।कबीर सा…. धरती नहीं जदकी टोपी दीना …