काया ने सिंगार कोयलिया पर मंडली मत जइजो रे लिरिक्स (हिन्दी)
काया ने सिंगार कोयलिया,पर मंडली मत जइजो रे।। श्लोक गोरे गोरे अंग पे गुमान क्या बावरे,रंग तो पतंग तेरो कल उड़ जावेलो,धुएं जैसे धन तेरो जातो न लागे देर,चोरन को माल नही चोवटे बिकायगो,मन सुख देय सको तो जीवत ही आवे काम,मुआ पचे सवांन काग कुतरा न खायेगो,ये दुनिया है तानसेन छोड़ दे माया की …