दारुडिया ने अलगो बाल रे राजस्थानी लोक गीत लिरिक्स
दारुडिया ने अलगो बाल रे,भूड़ी आवे वास। श्लोक राम राज में दूध मिलियो,कृष्णा राज म घी,इन कलयुग में दारु मिलियो,वीरा सोच समझ कर पी।। दारुडिया ने अलगो बाल रे,भूड़ी आवे वास,भूड़ी आवे वास रे,तन रो कीनो नास रे,दारुडिया ने अलगो,दारुढ़िया ने अलगो बाल रे,भूड़ी आवे वास।। सगा समन्धी आवे,वे बैठा बैठा भाले,बैठा बैठा भाले,वे सुता …