श्याम धणी मैं के मांगू के मांगू मैं के मांगू लिरिक्स (हिन्दी)

श्याम धणी मैं के मांगू,के मांगू मैं के मांगू,थारे टाबरिया की फ़ौज है,तू है तो म्हारी मौज है,श्याम धणी मैं के माँगू,के मांगू मैं के मांगू।। मांगण की ना ईब कोई दरकार,जीबसे अपने बाबा की सरकार,दातार ये, दिलदार ये,दातार ये, दिलदार ये,ईब मिट गई म्हारी खोज है,तू है तो म्हारी मौज है,श्याम धणी मैं के …

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आया है जनमदिन बाबा का हम उत्सव आज मनाएंगे लिरिक्स

Aaya Hai Janmdin Baba Ka आया है जनमदिन बाबा का हम उत्सव आज मनाएंगे लिरिक्स आया है जनमदिन बाबा का हम उत्सव आज मनाएंगे लिरिक्स (हिन्दी) आया है जनमदिन बाबा का,हम उत्सव आज मनाएंगे,धरती अम्बर पे खुशियां है,हम हैप्पी बर्थ डे गाएंगे,आया है जन्मदिन बाबा का,हम उत्सव आज मनाएंगे।। हमने रंगी गुब्बारों से,प्यारा दरबार सजाया …

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आरती: श्री रामायण जी (Shri Ramayan Ji)

आरती: श्री रामायण जी (Shri Ramayan Ji) आरती श्री रामायण जी की । कीरति कलित ललित सिय पी की ॥ गावत ब्रहमादिक मुनि नारद । बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ॥ शुक सनकादिक शेष अरु शारद । बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥ ॥ आरती श्री रामायण जी की..॥ गावत बेद पुरान अष्टदस । छओं शास्त्र सब ग्रंथन …

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श्री सूर्य देव – ऊँ जय कश्यप नन्दन। (Shri Surya Dev Jai Kashyapa Nandana)

श्री सूर्य देव – ऊँ जय कश्यप नन्दन। (Shri Surya Dev Jai Kashyapa Nandana) ऊँ जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ॥ ऊँ जय कश्यप…॥ सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी। दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ॥ ऊँ जय कश्यप…॥ सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली। अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण …

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आरती: भगवान श्री शीतलनाथ जी (Arti Bhagwan Shri Sheetalnath Ji)

आरती: भगवान श्री शीतलनाथ जी (Arti Bhagwan Shri Sheetalnath Ji) ॐ जय शीतलनाथ स्वामी, स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी। घृत दीपक से करू आरती, घृत दीपक से करू आरती। तुम अंतरयामी, ॐ जयशीतलनाथ स्वामी॥ ॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥ भदिदलपुर में जनम लिया प्रभु, दृढरथ पितु नामी, दृढरथ पितु नामी। मात सुनन्दा के नन्दा तुम, शिवपथ …

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आरती: श्री रामचन्द्र जी (Shri Ramchandra Ji 2)

आरती: श्री रामचन्द्र जी (Shri Ramchandra Ji 2) आरती कीजै रामचन्द्र जी की। हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥ पहली आरती पुष्पन की माला। काली नाग नाथ लाये गोपाला॥ दूसरी आरती देवकी नन्दन। भक्त उबारन कंस निकन्दन॥ तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे। रत्‍‌न सिंहासन सीता रामजी सोहे॥ चौथी आरती चहुं युग पूजा। देव निरंजन स्वामी और न …

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धर्मराज आरती – धर्मराज कर सिद्ध काज (Dharmraj Ki Aarti – Dharmraj Kar Siddh Kaaj)

धर्मराज आरती – धर्मराज कर सिद्ध काज (Dharmraj Ki Aarti – Dharmraj Kar Siddh Kaaj) धर्मराज कर सिद्ध काज, प्रभु मैं शरणागत हूँ तेरी । पड़ी नाव मझदार भंवर में, पार करो, न करो देरी ॥ ॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥ धर्मलोक के तुम स्वामी, श्री यमराज कहलाते हो । जों जों प्राणी कर्म करत …

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धर्मराज आरती – ॐ जय धर्म धुरन्धर (Dharmraj Ki Aarti – Om Jai Dharm Dhurandar)

धर्मराज आरती – ॐ जय धर्म धुरन्धर (Dharmraj Ki Aarti – Om Jai Dharm Dhurandar) ॐ जय जय धर्म धुरन्धर, जय लोकत्राता । धर्मराज प्रभु तुम ही, हो हरिहर धाता ॥ जय देव दण्ड पाणिधर यम तुम, पापी जन कारण । सुकृति हेतु हो पर तुम, वैतरणी ताराण ॥2॥ न्याय विभाग अध्यक्ष हो, नीयत स्वामी …

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