विश्वकर्मा आरती (Vishwakarma Aarti)

विश्वकर्मा आरती (Vishwakarma Aarti) जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा । सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा । आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया । जीव मात्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा । ऋषि …

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गौमता आरती (Shri Gaumata Aarti)

गौमता आरती (Shri Gaumata Aarti)   श्री गौमता जी की आरती आरती श्री गैय्या मैंय्या की, आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥ अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि, अविचल अमल मुक्तिपददायिनि । सुर मानव सौभाग्य विधायिनि, प्यारी पूज्य नंद छैय्या की ॥ आरती श्री गैय्या मैंय्या की, आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥ अख़िल विश्‍व प्रतिपालिनी माता, मधुर …

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श्री चित्रगुप्त जी की आरती – श्री विरंचि कुलभूषण (Shri Chitragupt Aarti – Shri Viranchi Kulbhusan)

श्री चित्रगुप्त जी की आरती – श्री विरंचि कुलभूषण (Shri Chitragupt Aarti – Shri Viranchi Kulbhusan) श्री विरंचि कुलभूषण, यमपुर के धामी । पुण्य पाप के लेखक, चित्रगुप्त स्वामी ॥ सीस मुकुट, कानों में कुण्डल, अति सोहे । श्यामवर्ण शशि सा मुख, सबके मन मोहे ॥ भाल तिलक से भूषित, लोचन सुविशाला । शंख सरीखी …

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श्री चित्रगुप्त आरती (Shri Chitragupt Aarti)

श्री चित्रगुप्त आरती (Shri Chitragupt Aarti) भगवान श्री चित्रगुप्त जी की आरती ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामीजय चित्रगुप्त हरे । भक्तजनों के इच्छित, फलको पूर्ण करे॥ विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तनसुखदायी । भक्तों के प्रतिपालक, त्रिभुवनयश छायी ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत, पीताम्बरराजै । मातु इरावती, दक्षिणा, वामअंग साजै ॥ ॐ जय …

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भगवद्‍ गीता आरती (Aarti Shri Bhagwat Geeta)

भगवद्‍ गीता आरती (Aarti Shri Bhagwat Geeta) जय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते । हरि-हिय-कमल-विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि, कामासक्तिहरा । तत्त्वज्ञान-विकाशिनि, विद्या ब्रह्म परा ॥ जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि, निर्मल मलहारी । शरण-सहस्य-प्रदायिनि, सब विधि सुखकारी ॥ जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणि, कारिणि मोद सदा । भव-भय-हारिणि, तारिणि परमानन्दप्रदा ॥ जय भगवद् गीते…॥ आसुर-भाव-विनाशिनि, नाशिनि …

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दत्ताची आरती (Datta Aarti)

दत्ताची आरती (Datta Aarti)   त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा । त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्य राणा । नेती नेती शब्द न ये अनुमाना ॥ सुरवर मुनिजन योगी समाधी न ये ध्याना ॥ जय देव जय देव जय श्री गुरुद्त्ता । आरती ओवाळिता हरली भवचिंता ॥ सबाह्य अभ्यंतरी तू एक द्त्त । अभाग्यासी कैची कळेल हि मात …

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कार्तिकेय आरती (Kartikeya Aarti)  

कार्तिकेय आरती – कार्तिकेय जी की आरती – जय जय आरती वेणु गोपाला वेणु गोपाला वेणु लोला पाप विदुरा नवनीत चोरा जय जय आरती वेंकटरमणा वेंकटरमणा संकटहरणा सीता राम राधे श्याम जय जय आरती गौरी मनोहर गौरी मनोहर भवानी शंकर सदाशिव उमा महेश्वर जय जय आरती राज राजेश्वरि राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि महा सरस्वती महा लक्ष्मी …

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श्री कुबेर जी आरती – जय कुबेर स्वामी (Shri Kuber Aarti, Jai Kuber Swami)

श्री कुबेर जी आरती – जय कुबेर स्वामी (Shri Kuber Aarti, Jai Kuber Swami) जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी, हे समरथ परिपूरन । हे समरथ परिपूरन । हे अन्तर्यामी ॥ ॐ जय कुबेर स्वामी प्रभु जय कुबेर स्वामी.. जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी, हे समरथ परिपूरन । -x2 हे अन्तर्यामी । …

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