श्री चित्रगुप्त स्तुति (Shri Chitragupt Stuti)

श्री चित्रगुप्त स्तुति (Shri Chitragupt Stuti) जय चित्रगुप्त यमेश तव, शरणागतम् शरणागतम् । जय पूज्यपद पद्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय देव देव दयानिधे, जय दीनबन्धु कृपानिधे । कर्मेश जय धर्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय चित्र अवतारी प्रभो, जय लेखनीधारी विभो । जय श्यामतम, चित्रेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ पुर्वज व भगवत अंश जय, …

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भारत माता की आरती (Bharat Mata Ki Aarti)

भारत माता की आरती (Bharat Mata Ki Aarti) आरती भारत माता की, जगत के भाग्य विधाता की । आरती भारत माता की, ज़गत के भाग्य विधाता की । सिर पर हिम गिरिवर सोहै, चरण को रत्नाकर धोए, देवता गोदी में सोए, रहे आनंद, हुए न द्वन्द, समर्पित छंद, बोलो जय बुद्धिप्रदाता की, जगत के भाग्य …

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हवन-यज्ञ प्रार्थना: पूजनीय प्रभो हमारे (Hawan Prarthana: Pujniya Prabhu Hamare)

हवन-यज्ञ प्रार्थना: पूजनीय प्रभो हमारे (Hawan Prarthana: Pujniya Prabhu Hamare) पूजनीय प्रभो हमारे, भाव उज्जवल कीजिये । छोड़ देवें छल कपट को, मानसिक बल दीजिये ॥ १॥ वेद की बोलें ऋचाएं, सत्य को धारण करें । हर्ष में हो मग्न सारे, शोक-सागर से तरें ॥ २॥ अश्व्मेधादिक रचायें, यज्ञ पर-उपकार को । धर्मं- मर्यादा चलाकर, लाभ …

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श्री शांतादुर्गेची आरती (Shri Shanta Durgechi Aarti)

श्री शांतादुर्गेची आरती (Shri Shanta Durgechi Aarti) Shri Shanta Durgechi Aarti जय देवी जय देवी जय शांते जननी । दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी ॥ भूकैलासा ऐसी ही कवला नगरी । शांतादुर्गा तेथे भक्तभवहारी । असुराते मर्दुनिया सुरवरकैवारी । स्मरती विधीहरीशंकर सुरगण अंतरी । जय देवी जय देवी जय शांते जननी । दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो …

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श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं – आरती (Aarti: Shri Banke Bihari Teri Aarti Gaun)

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं – आरती (Aarti: Shri Banke Bihari Teri Aarti Gaun) श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं, हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं । आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं, श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं । ॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥ मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे, प्यारी बंसी मेरो मन मोहे …

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माँ सरस्वती वंदना – या कुन्देन्दुतुषारहारधवला (Maa Saraswati Vandana)

माँ सरस्वती वंदना – या कुन्देन्दुतुषारहारधवला (Maa Saraswati Vandana) या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना । या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥१॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌ । हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌ ॥२॥ हिन्दी भावार्थ: जो विद्या की …

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अन्नपूर्णा आरती (Annapurna Aarti)

अन्नपूर्णा आरती (Annapurna Aarti)   बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम ॥ बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम । सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥ बारम्बार प्रणाम, …

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आरती: श्री राणी सती दादी जी (Shri Rani Sati Dadi Ji)

आरती: श्री राणी सती दादी जी (Shri Rani Sati Dadi Ji) ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता । अपने भक्त जनन की, दूर करन विपत्ती ॥ ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता ॥ अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत, मंडितचहुँक कुंभा । दुर्जन दलन खडग की, विद्युतसम …

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