आरती सरस्वती जी: ओइम् जय वीणे वाली (Saraswati Om Jai Veene Wali)

आरती सरस्वती जी: ओइम् जय वीणे वाली (Saraswati Om Jai Veene Wali) ओइम् जय वीणे वाली, मैया जय वीणे वाली ऋद्धि-सिद्धि की रहती, हाथ तेरे ताली ऋषि मुनियों की बुद्धि को, शुद्ध तू ही करती स्वर्ण की भाँति शुद्ध, तू ही माँ करती॥ 1 ॥ ज्ञान पिता को देती, गगन शब्द से तू विश्व को …

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श्री शाकुम्भरी देवी जी की आरती (Shakumbhari Devi Ki Aarti)

श्री शाकुम्भरी देवी जी की आरती (Shakumbhari Devi Ki Aarti) हरि ओम श्री शाकुम्भरी अंबा जी की आरती क़ीजो एसी अद्वभुत रूप हृदय धर लीजो शताक्षी दयालू की आरती किजो तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ, सब घट तुम आप भखनी माँ शकुंभारी अंबा जी की आरती किजो तुम्ही हो शाकुम्भर, तुम ही हो सताक्षी माँ …

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श्री सूर्य देव – ऊँ जय सूर्य भगवान (Shri Surya Dev Om Jai Surya Bhagwan)

श्री सूर्य देव – ऊँ जय सूर्य भगवान (Shri Surya Dev Om Jai Surya Bhagwan) ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान । जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा । धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ॥ ॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥ सारथी अरूण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी …

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श्री गायत्री माता आरती (Gayatri Mata Aarti)

श्री गायत्री माता आरती (Gayatri Mata Aarti)   जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता । सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक क‌र्त्री । दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ ब्रह्म रूपिणी, …

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श्री नाथ जी की मंगल आरती – गोरखनाथ मठ (Shri Nathji Mangal Aarti – Gorakhnath Math)

श्री नाथ जी की मंगल आरती – गोरखनाथ मठ (Shri Nathji Mangal Aarti – Gorakhnath Math) जय गोरख योगी (श्री गुरु जी) हर हर गोरख योगी । वेद पुराण बखानत, ब्रह्मादिक सुरमानत, अटल भवन योगी । ऊँ जय गोरख योगी ॥ बाल जती ब्रह्मज्ञानी योग युक्ति पूरे (श्रीगुरुजी) योग युक्ति पूरे । सोहं शब्द निरन्तर …

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चन्द्र देव आरती (Chandra Dev Aarti)

चन्द्र देव आरती (Chandra Dev Aarti) ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा । दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी । रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी । दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी । जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे । सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि । योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान …

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पंच परमेष्ठी आरती (Panch Parmeshthi Aarti)

पंच परमेष्ठी आरती (Panch Parmeshthi Aarti)   इह विधि मंगल आरति कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे । इह विधि मंगल आरति कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे ॥ पहली आरति श्रीजिनराजा, भव दधि पार उतार जिहाजा । इह विधि मंगल आरति कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे ॥ दूसरी आरति सिद्धन केरी, सुमिरन करत …

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विन्ध्येश्वरी आरती: सुन मेरी देवी पर्वतवासनी (Sun Meri Devi Parvat Vasani)

विन्ध्येश्वरी आरती: सुन मेरी देवी पर्वतवासनी (Sun Meri Devi Parvat Vasani) सुन मेरी देवी पर्वतवासनी । कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ पान सुपारी ध्वजा नारियल । ले तेरी भेंट चढ़ायो माँ ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी । कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ सुवा चोली तेरी अंग विराजे । केसर तिलक लगाया …

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