श्री सीता आरती (Sita Mata Aarti)

श्री सीता आरती (Sita Mata Aarti) आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥ आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा …

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श्री बद्रीनाथजी की आरती (Shri Badrinath Aarti)

श्री बद्रीनाथजी की आरती (Shri Badrinath Aarti) पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मंदिर शोभितम् । निकट गंगा बहत निर्मल, श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥ शेष सुमिरन करत निशदिन, धरत ध्यान महेश्वरम् । वेद ब्रह्मा करत स्तुति, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥ ॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥ शक्ति गौरी गणेश शारद, नारद मुनि उच्चारणम् । जोग ध्यान अपार …

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श्री जगन्नाथ संध्या आरती (Shri Jagganath Sandhya Aarti)

श्री जगन्नाथ संध्या आरती (Shri Jagganath Sandhya Aarti)   अनंत रूप अन्नांत नाम अनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणा अनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणा विस्वा रूपा विस्वा धारा विस्वा रूपा विस्वा धारा विस्ववयापका नारायाणा विस्ववयापका नारायाणा विस्वा तेजसा …

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श्री जगन्नाथ आरती – चतुर्भुज जगन्नाथ (Shri Jagganath Aarti – Chaturbhuja Jagannatha)

श्री जगन्नाथ आरती – चतुर्भुज जगन्नाथ (Shri Jagganath Aarti – Chaturbhuja Jagannatha) चतुर्भुज जगन्नाथ कंठ शोभित कौसतुभः ॥ पद्मनाभ, बेडगरवहस्य, चन्द्र सूरज्या बिलोचनः जगन्नाथ, लोकानाथ, निलाद्रिह सो पारो हरि दीनबंधु, दयासिंधु, कृपालुं च रक्षकः कम्बु पानि, चक्र पानि, पद्मनाभो, नरोतमः जग्दम्पा रथो व्यापी, सर्वव्यापी सुरेश्वराहा लोका राजो, देव राजः, चक्र भूपह स्कभूपतिहि निलाद्रिह बद्रीनाथशः, अनन्ता …

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गुरुदेव आरती – श्री नंगली निवासी सतगुरु (Guru Aarti – Shri Nangli Niwasi Satguru)

गुरुदेव आरती – श्री नंगली निवासी सतगुरु (Guru Aarti – Shri Nangli Niwasi Satguru) आरती श्री गुरुदेव जी की गाऊँ । बार-बार चरणन सिर नाऊँ ॥ त्रिभुवन महिमा गुरु जी की भारी । ब्रह्मा विष्णु जपे त्रिपुरारी ॥ राम कृष्ण भी बने पुजारी । आशीर्वाद में गुरु जी को पाऊं ॥ भव निधि तारण हार …

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बाबा बालक नाथ आरती (Shri Baba Balaknath Aarti)

बाबा बालक नाथ आरती (Shri Baba Balaknath Aarti) ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे, भक्त जनों की नैया, दस जनों की नैया, भव से पार करे, ॐ जय कलाधारी हरे ॥ बालक उमर सुहानी, नाम बालक नाथा, अमर हुए शंकर से, सुन के अमर गाथा । ॐ जय कलाधारी हरे ॥ शीश पे …

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तुलसी आरती – महारानी नमो-नमो (Tulsi Aarti – Maharani Namo Namo)

तुलसी आरती – महारानी नमो-नमो (Tulsi Aarti – Maharani Namo Namo) तुलसी महारानी नमो-नमो, हरि की पटरानी नमो-नमो । धन तुलसी पूरण तप कीनो, शालिग्राम बनी पटरानी । जाके पत्र मंजरी कोमल, श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥ धूप-दीप-नवैद्य आरती, पुष्पन की वर्षा बरसानी । छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन, बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥ …

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लक्ष्मीजी आरती (Laxmi Mata Aarti)

लक्ष्मीजी आरती (Laxmi Mata Aarti) महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि । हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥ पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे । सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता । सूर्य चद्रंमा …

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