श्री राधे गोविंदा गोपाल राधावर माधव हरे भजन लिरिक्स
श्री राधे गोविन्दा गोपाल, राधा वर माधव हरे । मोरमुकुट सिर पेच विराजे, कानन में कुण्डल छविछाजे ।ठोड़ी पै हीरा लाल, राधा वर माधव हरे ॥१॥ बड़ी बड़ी अंखियन कजरा सोहे, लाल अधर लाली मन मोहे ।गल वैजन्ती माल, राधा वर माधव हरे ॥२॥ मीठी मीठी वंशी बजावै, देखूं तो जियरा ललचावै।बड़े गजब की चाल, …