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थाकी मूरत मन में भावे ओ भेरुजी भजन लिरिक्स

वाला का ढावा पे बैठा,
भेरू खजूरिया वाला सा,
थाकी मूरत मन में भावे ओ भेरुजी,
थाकी मूरत मन में भावे ओ भेरुजी।।

भीलवाडा जिला मे बेठा,
गांव खजुरिया माई सा,
कोई बिगडिया काम बणावे ओ भेरुजी।।

मोटी मोटी बणी सराया,
देख्यां ही बण आवे सा,
ज्यां पे लाल ध्वजा फहरावे ओ भेरुजी।।

थावर ने इतवार जात्री,
दूर दूर सुं आवे सा,
कोई पैदल चलकर आवे ओ भेरुजी।।

निंबड़ला री छाया नीचे,
गणा रूपाला लागो सा,
कोई मनडा री आश पुरावे ओ भेरुजी।।

ढोल नगाड़ा नोपत बाजे,
थाका जागण माई सा,
कोई राती जगा लगा वे ओ भेरुजी।।

रूप रूपाला भेरुजी की,
महिमा गाय सुणावा सा,
कोई सुनिल महिमा बणाई ओ भेरूजी।।

वाला का ढावा पे बैठा,
भेरू खजूरिया वाला सा,
थाकी मूरत मन में भावे ओ भेरुजी,
थाकी मूरत मन में भावे ओ भेरुजी।।


थाकी मूरत मन में भावे ओ भेरुजी भजन Video

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