निर्मोही राजा की कथा लिरिक्स nirmohi raja ki katha lyrics, rajasthani katha lyrics in hindi
निर्मोही राजा की कथा
एक दिन भूपति,
खेलन गया शिकार।
प्यास लगी उस भूप को,
गया गुरु के पास।
कहाँ आय कहाँ जात हो,
दिसत हो अध् भूप।
कौन नगर में रहत हो,
किन राजा रा पूत।
राजा निर्मोही वो,
अटल करत है राज।
उनका कहिजु बालका,
ऋषि पूछो निश्चय आज।
कंवरा आवो यहाँ बैठो,
हम नगर को जात।
जो राजा निर्मोही है,
वा री पल में खबरों लात।
तुम सुण चेरी श्याम की,
बात सुनावु तोय।
कंवर विनाशयो सिंह ने,
आसन पड़ियो माय।
नहीं कोई चेरी श्याम की,
नहीं कोई मेरो श्याम।
परालंध का मेला है,
सुणो ऋषि अभय राम।
तुम सुण सूत री सुंदरी,
अबला जोबन माय।
देवी वाहन आन भख्यो,
तेरो श्री भगवान।
तपस्या पूर्व जनम की,
में क्या जाणु वियोग।
विधाता ने लिख दिया,
वो ही लिखण के जोग।
राणी तुझमे विपत अति,
सूत खायो मृगराज।
हमने भोजन नहीं किया,
तेरे पुत्र मरण के काज।
दरखत एक डाला घणा,
पंछी बैठा आय।
रजनी गई पीली भई,
चहु दिश उड़ उड़ जाय।
राजा मुख से राम कहो,
पल पल जात घडी।
कंवर विनाशयो सिंह ने,
आसन लाश पड़ी।
तपिया तप क्यों छोडियो,
अठे हरख नहीं है शोक।
घडी पलक का मेला है,
सब मुसाफिर लोग।
धिन राजा धिन बादशाह,
धिन है सारो देश।
धिन है थारा सतगुरु ने,
साँचा दिया उपदेश।
- मन लोभी जिवडा हो गयो मोड़ो रे दिन रयो थोड़ो भजन लिरिक्स
- आराम के साथी क्या क्या थे भजन लिरिक्स
- भजन री लागी वे सो जाणे गाफिल काहि जाणे भाई भजन लिरिक्स
- इन रे काया रो हिण्डोलो रचीयो भजन लिरिक्स
rajasthani katha lyrics in hindi
nirmohi raja ki katha
ek din bhupati, khelan gaya shikar.
pyas lagi us bhup ko,gaya guru ke pas.
kaha se aaya kaha jat ho,disat ho adh bhup.
kon nagar me rahat ho,kin raja ra put.
raja nirmohi wo,atal karat hai raj.
unka kahiju balaka,rishi pucho nishchya aaj.
kanvara aavo yaha baitho ham nagar ko jat.
jo raja nirmohi hai,wa ri pal me khabaro lat.
tum sun cheri shyam ki,bat sunavu toy.
kanvar vinashyo singh ne,aasan padiyo maay.
nhi koi cheri shyam ki,nhi koi mero shyam.
paralamdh ka mela hai,suno rishi abhay ram.
tum sun sut ri sundari,abla joban may.
devi vahan aan bhakhyo,tero shri bhagwan.
tapsya purv janam ki,me kya janu viyog.
vidhata ne likh diya,wo hi likhan ke jog.
rani tujhme vipat ati,sut khayo mrigraj.
hamne bhojan nhi kiya,tere putr maran ke kaj.
darkhat ek dala ghana,panchi baitha aay.
rajni gai pili bhai,chahu dish ud ud jay.
raja mukh se ran kaho pal pal jat ghadi.
kanvar vinashyo singh ne,aasna lash padi.
tapiya tap kyu chidiyo athe harakh nhi hai shok.
ghadi palak ka mela hai,sab musafir log.
dhin raja dhin badshah,dhin hai saro desh.
dhin hai thara satguru ne,sancha diya updesh.
- दो दिन का जग में मेला सब चला चली का खेला भजन लिरिक्स
- चार पंडित काशी से आया भजन लिरिक्स
- नीमा जी थारे घर नारायण आयो भजन लिरिक्स
- यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ मत पूछो कहाँ कहाँ भजन लिरिक्स
nirmohi raja ki katha lyrics
निर्मोही राजा की कथा सुनाई
निर्मोही राजा की कथा
एक दिन भूपति, खेलन गया शिकार।
प्यास लगी उस भूप को, गया गुरु के पास।
कहाँ आय कहाँ जात हो, दिसत हो अध् भूप।
कौन नगर में रहत हो, किन राजा रा पूत।
राजा निर्मोही वो, अटल करत है राज।
उनका कहिजु बालका, ऋषि पूछो निश्चय आज।
कंवरा आवो यहाँ बैठो, हम नगर को जात।
जो राजा निर्मोही है, वा री पल में खबरों लात।
तुम सुण चेरी श्याम की, बात सुनावु तोय।
कंवर विनाशयो सिंह ने, आसन पड़ियो माय।
नहीं कोई चेरी श्याम की, नहीं कोई मेरो श्याम।
परालंध का मेला है, सुणो ऋषि अभय राम।
तुम सुण सूत री सुंदरी, अबला जोबन माय।
देवी वाहन आन भख्यो, तेरो श्री भगवान।
तपस्या पूर्व जनम की, में क्या जाणु वियोग।
विधाता ने लिख दिया, वो ही लिखण के जोग।
राणी तुझमे विपत अति, सूत खायो मृगराज।
हमने भोजन नहीं किया, तेरे पुत्र मरण के काज।
दरखत एक डाला घणा, पंछी बैठा आय।
रजनी गई पीली भई, चहु दिश उड़ उड़ जाय।
राजा मुख से राम कहो, पल पल जात घडी।
कंवर विनाशयो सिंह ने, आसन लाश पड़ी।
तपिया तप क्यों छोडियो, अठे हरख नहीं है शोक।
घडी पलक का मेला है, सब मुसाफिर लोग।
धिन राजा धिन बादशाह, धिन है सारो देश।
धिन है थारा सतगुरु ने, साँचा दिया उपदेश।
- घणी घणी खम्मा मैय्या लीनो अवतार भजन लिरिक्स
- थे तो धरनी पधारिया गंगा माय त्रिवेणी थाने अरज करा भजन लिरिक्स
- थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी भजन लिरिक्स
nirmohi raja ki katha | suresh jangid Ke bhajan lyrics
Bhajan / Geet(भजन ) == निर्मोही राजा की कथा
Bhajan Singer/गायक = सुरेश जांगिड़
Bhajan Lyrics Type = भजन Lyrics