मन मेरा मत कर तन री बढ़ाई भजन लिरिक्स
, Man Mera Mat kar Tan Ki Badhai Bhajan Lyrics
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई भजन लिरिक्स
बडा बडा जोगेश्वर खपग्या ,
तेरी कोन चलाई।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
दस मस्तक जाके बीस भुजा थी,
कुंभकर्ण बल भाई।
तन रा गर्भ से लंका खो दी ,
संग चाल्यो ना कोई।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
हिर्णाखुश धरती पे योद्धा,
रामजी को नाम छिपाई।
जिनके ओधर प्रहलाद जनमिया,
नख से दिया मराई।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
राजा सागर के सेश पुत्र थे,
नितका कुआ खुदाई।
एक शब्द से धरती हिल गी,
बाहर निकल ना पाई।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
एक बाण अर्जुन को चलता ,
शेष बाण बन जाई।
काबा गोपियां लूटन लागा,
बाण चल ना पाई।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
तन का गर्व से वो ही नर डूबे,
भव सागर के माई।
कहत कबीर सुनो भाई साधु ,
उल्टा समाल्यो माही।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
Marwadi Chetawani Bhajan Lyrics
Man Mera Mat kar Tan Ki Badhai भजन लिरिक्स
bada bada jogeshwar khagya,
teri kon chalai.
man mera mat kar tan ri badhai.
dash mastak jake bis bhuja thi,
kumbhkarn bal bhai.
tan ra garbh se lanka kho di,
sang chalyo naa koi.
man mera mat kar tan ri badhai.
hirnakush dharti pe yodhdha,
ram ji ko naam chhipai.
jinke odhar prahlad janmiya,
nakh se diya marai.
man mera mat kar tan ri badhai.
raja sagar ke shesh putr the,
nika kua khudai.
ek sabd se dharti hil gi,
bahar nikal naa pai.
man mera mat kar tan ri badhai.
ek baan arjun ko chalta,
shesh baan ban jaai.
kaba gopiya lutan laga,
baan chal naa pai.
man mera mat kar tan ri badhai.
tan ka garv se vo hi nar dube,
bhav sagar ke maai.
kahat kabir suno bhai sadhu,
ulta samalyo mahi.
man mera mat kar tan ri badhai.
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मन मेरा मत कर तन री बढ़ाई
बडा बडा जोगेश्वर खपग्या ,तेरी कोन चलाई।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
दस मस्तक जाके बीस भुजा थी,कुंभकर्ण बल भाई।
तन रा गर्भ से लंका खो दी ,संग चाल्यो ना कोई।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
हिर्णाखुश धरती पे योद्धा,रामजी को नाम छिपाई।
जिनके ओधर प्रहलाद जनमिया,नख से दिया मराई।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
राजा सागर के सेश पुत्र थे,नितका कुआ खुदाई।
एक शब्द से धरती हिल गी,बाहर निकल ना पाई।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
एक बाण अर्जुन को चलता ,शेष बाण बन जाई।
काबा गोपियां लूटन लागा,बाण चल ना पाई।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
तन का गर्व से वो ही नर डूबे,भव सागर के माई।
कहत कबीर सुनो भाई साधु ,उल्टा समाल्यो माही।
मन मेरा मत कर तन री बड़ाई।
अनिल नागौरी के भजन भजन लिरिक्स
Bhajan / Geet(भजन ) == मन मेरा मत कर तन री बड़ाई
Bhajan Singer/गायक = अनिल नागौरी
Bhajan Lyrics Type = भजन Lyrics