Teja Gayan Gajyo gajyo jeth ashad kanwar teja re
गाज्यो गाज्यो जेठ अषाढ़ कँवर तेजा रे
गाज्यो गाज्यो जेठ अषाढ़ कँवर तेजा रे
लगतो ही गाज्यो श्रावण भादवो
सुतो किशोड़ी नींद कँवर तेजा रे
थारोड़ा साहीना बीजे बाजरो
इतरो तो झूठ मती बोल माता जरणी ए … (२)
म्हारोड़ा साहीना खेले गोर में माता
म्हारोड़ा साहीना खेले गोर में
कद्का उबा हाळी, हळ खड़े है तेजा रे
नेना नेना टाबर खेले गोर में
तेजा नेना नेना टाबर खेले गोर में
हाळी रे बयोड़ा मूंग बाट निपजे तेजा रे
थारे बयोड़ा मती निपजे
कठे तो पड़ी है म्हारी रास्याँ माता जरणी ए
कठे तो पड्यो है बाजू बिंजणो
कठे तो मह्न्ग्याई मेल्या बोल माता जरणी ए … (२)
कठे तो पड़ी है हळ्यों री हालडी माता
कठे तो पड़ी है हळ्यों री हालडी
ठाण में बंध्याँ है बेल्याँ, बाड़ा में हळ हालडी
खूंट्या टंगी है रास्याँ सार ले तेजा
खूंट्या टंगी है रास्याँ सार ले
तड़के उठियो भोर को
हळीयो लीनो हाथ
आंटा वाळो पेर पोतियो
तेजो चाल्यो खेता रे मांय
देवा ने मनाय चाल्या खेता कँवर तेजा रे
सुगन मनावे बेटो जाट को
केरा बिन्ज्यां मूंग जवार कँवर तेजा रे
थोथलिया धोरा में बायो बाजरो
केडो तप्यो तावड़ो गेहरोड़ी भूख लागी हो … (२)
तेजो भाता री जोवे बाटडी … (२)
बेल्याँ म्हारा भूखा उबा है बावज मारी ए
कठे तो लगाईं इतरी देर जी
मण पिस्यो मण पोयो कँवर तेजा रे
मण को तो रांद्यो खाटो खिंचडो
आई तेजा ने रीष जी
किनो भाभी पर कोप
भातो पाछो ले जा भावज
तेजो बोल्यो बोल
तोड़ी आई लारती, लाड लड्या देवर रे
नेने ने छोड्यो हिंडे रोवतो
म्हा पर क्यों करो हो रीष देवर म्हारा रे
लावेनी परण्योड़ी बैठी बापके
बेल्याँ छोड़ खेता रे माँही, तेजो घराने चाल्यो जी … (२)
भावज रा बोल लागा काळजे … (२)
बेपारा घराने कैंयाँ आयो कँवर तेजा रे … (२)
कईं रे फाटी ओ हळ री हाळडी बेटा
कईं फाटी रे हळ री हाळडी
भाभी मोह्न्सो बोल्या
रीष करी मन मांय
परणी बैठी बापके
देवर लावे क्यूँ नी जाय
किणु म्हारी करी ही सगाई माता जरणी ए
किण तो परणायो पिळा पोतड़ा माता
किण तो परणायो पिळा पोतड़ा
काका-भाभा करी है सगाई कँवर तेजा रे
भाभोसा परणायो पिळे पोतड़ा
कठे म्हारो ब्याव करायो माता जरणी ए … (२)
किणसुं हथलेवो म्हारो जोडीयो माता
किणसुं हथलेवो म्हारो जोडीयो
गाँव पनेर रायमल जी मुथासेन रे … (२)
बेटी पेमल सुं करीयो ब्याव जी थारो
बेटी पेमल सुं करीयो ब्याव जी
माँ बेटा री बाताँ सुणने
भाभी बोल्या आय
परणी ने लावण सुं पेहला
बेनड ने घर लाव
नणदल बाई बैठा सासरे, पीहर री म्हाने आश रे
जावोनी देवर आणे बेन रे
धरम निभावो देवर जावो रांदल रे सासरे
बेनड उडावे काळा कागला
बेल्याँ ने श्रृंगार चाल्याँ, चाल्याँ कँवर तेजा रे … (२)
बाई राजल रे चाल्या सासरे … (२)
दोए रातावासा लीना है कँवर तेजा रे … (२)
तीजी परभाते तेजो पुगीया … (२)
दीरे री उडीक में
बाई काळा काग उडाय
आणे आयो तेजल वीरो
बाई मन री मन हर्षाय
डावी म्हारी आँख फरुके नणदल बाई ओ
हवळे बोले है काळो कागलो
के तो आवे जामण जायो वीर नणदल बाई ओ
नहीं तो काकोसा आणे आवशी
जोगोजी सी आज पुगा कँवर तेजा रे … (२)
बाई राजल रे आया सासरे तेजोजी
बाई राजल रे आया सासरे
राम राम सगाँ सगीने किना कँवर तेजा रे
बाई राजल रे आणे आवियो
उग्यो म्हारे सोने केरो सूरज तेजल वीरा ओ
मुखड़ो देख्यो रे म्हारे वीर को
राखडी पूनम री वीरा
भाई मिलन रो जोग
सासरे सुं सिख लेय
चाल्या पिवर की और
राजल आई पिहरिये, वधावो भाभी म्हारी ए
मायड़ मिलवारो घणो कोडजी
आवो आवो राजल बाई, काळजिए री कोर ए
गळे लग जाय म्हारे जीवडी
राजल ने घर लाय पनेरा चाल्याँ कँवर तेजा रे … (२)
घोड़ी श्रिंगारो बेली चाँव सुं म्हारी
घोड़ी श्रिंगारो बेली चाँव सुं
मोरतियो पूछाय, पछे जावो कँवर तेजा ओ
सुगन मनाय जावो सासरे
लावो थारा वेद ने पुराण जोशी म्हारा हो
जुना जुगाँ रा देखो टिपणा
जोशी देखे टिपणो
माथो ठण्क्यो जाय
काल चोघडियो देखने
चिंता रही रे समाय
मोरतियो पकड़ में कोणी, सिर पर जोखो रामजी
धोळी तो दिखे तेजा देवळी
बोल कड़वा बोल जोशी, करे कँवर ने घात क्यूँ
पाछा आया सुं पटकू जाजरी
नख्ल्या थारी खाल पडावुं सुण जोशी ओ … (२)
डोड्याँ में टंगावुं थारी खालडी जोशी
डोड्याँ में टंगावुं थारी खालडी
बामण मार्या धरम थारो डिग जावे कँवर तेजा रे … (२)
अबकी तीजा ने जईजो सासरे तेजा
अबकी तीजा ने जईजो सासरे
शूर ना देखे टिपणा
वार नी देखे शूर
मरणे ने मंगळ गिने
ज्यांरे मुख पर बरसे नूर
हठ मत कर, केहणो मान लोण्या देवर रे
बेन परणादूँ म्हासूं छोटकी
बेन तो परणावो म्हारा बड़ा भाई ने भाभी ए
तेजो कुमायों जासी सासरे
लिलण ने शिणगारो अब हुकम दियो है तेजा रे … (२)
परभाताँ जाणों है म्हारे सासरे भाई
परभाताँ जाणों रे म्हारे सासरे
तेजा म्हाने माफ़ करा बोली लिलण माथो धूणे ओ
मत ना सिदावो थे तो सासरे
ढळतोडी राताँ में तुतों चाल लिलण म्हारी ए
वेगेरो पोह्चादे म्हाने सासरे
तेजो चाल्यो सासरे
गाँव पणेर की और
सुगन पलावु होवण लागा
कुरलावे है मोर
डेला मांही मीनकी, आडी फिरी कँवर तेजा रे
कन्या मिलगी मारग में रोवती
कांकड़ मांही छाणा चुगती मिलगी दोय लुगायाँ रे
डावे तो कवळे बोली कोचरी
मेहा तारी राताँ मांही चाल्याँ कँवर तेजा रे … (२)
मन में भरोसो समरो साथ में पिरे रे
मन में भरोसो समरो साथ में
दीज री अधरात पनेरा पुगा कँवर तेजा रे
जाय वनमाळी ने हेलो मारियो
खिड़की बागाँ री थेतो खोलो वनमाळी जी
बारे भींजे है बेटो जाट को
हो कठारा माल री
ने किसियोक थारो गाँव
माळी पूछे बाग़ रो
कांई थारो नाम
कुंच्या म्हारे पास नहीं है सुणलो कँवरा हो
कुंच्या तो ले गयी है पेमल गोरड़ी
आ लो थे तो एक महोर वनमाळी हो
परणी रे घडाजो टीमणो तेवको
खिड़की बागाँ री खोली वनमाळी जी … (२)
रातवासो लीनो बेटे जाट को … (२)
घोड़ी तो उजाड्यो बाग़ फिर फिर मुंडा मारे हो … (२)
नाश करियो रे सारे बाग़ रो … (२)
करी पुकार पेमल ने जाय
सुणो बाईसा आप
परदेशी आयो बाग़ में
ज्याँरी घोड़ी कियो रे बिगाड़
कीनो सारे बाग़ रो उजाड़ पेमल बाई ए
परदेशी बतावुं घोळी घाडगी
जठसुं जावोनी बागाँ में भावज म्हारी ए
साथे ले जावो जाडो झुलरो
भाभी संग आई सखियाँ आई बागाँ माँई ओ
भाभी संग आई सखियाँ बागाँ रे माँई ओ
आय ने तेजा ने दीनो ओळबो सेहल्याँ
आय ने तेजा ने दीनो ओळबो
कठे का कहिजो काँई नाम कँवरा थाको जी
किण रे आया ओ सिगरत प्रोमणा
नाम तेजो गाँव खणायो जात ढोल्या म्हारी हो
मुथा रायमल जी रे आयो पाँवणो
सुण तेजे री बात सहेल्याँ
दोडी घराने जाय
पेमल ने सब बात सुनाई
पेमल मन हर्षाय
घणा दिना री आश बाटाँ जोऊं भावज परण्या री
आज तो सोने रे सूरज उगियो
चालो भावज बागाँ मांही, रह्यो नहीं जावे हो
सूरत परण्या री म्हें तो देखश्या
कर सोळा श्रीणगार पेमल चाली बागाँ माहीं हो .. (२)
मन में उमावो गावे मोरियो … (२)
काया काईं सोवे चुड़लो, हाथांमें हथफूल जी
पतळे कुळचा में कांकण दोरडा
चाले मद री चाल माथे बेवडले रो भार जी
डोकरसुं ठुकरावे गजबण घाघरो
परणे श्याम ने देखवारडी
हरखी मन रे म्हाय
उतावळी पग भरती पेमल
चाली घराने जाय
आया आया रायमलजी री पोळ कँवर तेजा रे
सासु-सुसरा ने मुजरो साधियो
दुआरी करतोड़ी सासु बोली कड़वा बोल रे
किण तो भड़काया चुगता बाछड़ा
काळ री खायोड़ा पाछो गिरजा बोल्या बोल रे … (२)
चुंगता भिड़काया बाळक बाछड़ा … (२)
आई ज्यूँही पाछी फिरजा ए लिलण म्हारी हो … (२)
नुगरा री धरती पर वासो ना कराँ, आपाँ
नुगरा री धरती पर वासो ना कराँ
सासु रा बोल तेजा रे
लागा कळेजे बाण
उण धरती में ना रेवणो
जठे कोनी अपनो मान
करियो है गजब, अन्याय माता जरणी ए
आय परणे ने दीनो ओळबो
केतो म्हारे परणे ने मनाय माता जरणी ए
उबोड़ी नी पियु पाणी आँगणे
सासु केवे माफ़ करिजो, अणजाणे में बोली ओ … (२)
कोड़ीला जमाई रुस्या ने सरे, म्हारा
कोड़ीला जमाई रुस्या ने सरे
धरती रो तो रंग मांडण म्हें हूँ परण्या म्हारा हो
दोरी रो रंग परण्यो सायबो
थोड़ी कईं जेज करोनी परण्या श्याम हो
परणी री प्रतिज्ञा सायब राख लो
पेमल मानावे पीव ने
मानो म्हारी बात
गोरी री सुण बात तेजोजी
रुकिया सासरे रात
खातिडा री मरीजो, नार पेमल गोरी हो
सारस की जोड़ी में ढोल्यो सांकडो
खातिडा को काईं है दोष सुणजो परण्या हो
बापु घडाया ऊँचा लुंपणा
दोय मना रो मिलणो आज सुणले पेमल गोरी हो … (२)
नजरां सुं निरखो नी पेमल गोरड़ी, म्हाने
नजरां सुं निरखो नी पेमल गोरड़ी
पौढ जावो सुखभर नींद परण्या म्हारा हो
ओसिणे दे दूँ म्हें चुड़लो बाँह को
अरे चुडलिया में पड़ जाशी, मोच पेमल गोरी हो
काचोड़ा कुणचा में लडको जावशी
चुडले रो है राम रुखाळो
सुणजो पिवजी जात
घणा दिनासुं रात आई है
पिया मिलन री आज
ओळबिया में रात क्यूँ गमावो पेमल गोरी हो
जुठोड़ा जगडा में दिनडो उगशी
महेंदी म्हारे हाथ भर्यो है परण्या सायबा
दागो तो लागे धोळे धोतिए
सेजा सुतो सुखभरी, नींद कँवर तेजा हो … (२)
जितरे गुजरकी आई रोवती … (२)
कोई म्हारी सुन्ल्यो पुकार वीरा म्हारा हो
लान्छ्याँ गुजरी रोवे बारणे
गायां आ ले गया है मेणा वीरा म्हारा हो
सुनी तो कर गया म्हारी गोर ने
लान्छां री सुण विनती
बोल्या तेजोजी आय
गुजरी बोली शूर है
तो चड़ो गायां री वार
क्षत्री थारो धरम निभावो कँवर तेजा हो
गोर में अरडावे बाळक बाछड़ा
घर में थारे घोड़ी क्यूँ राखो कँवर तेजा हो
भाल ने तलवार सुं बोज्या क्यूँ मरो
लांछन मती ना लगाए लान्छां गुजरी ए … (२)
थारोड़ी गायां रे वारे म्हें चड़ा, लान्छां
थारोड़ी गायां रे वारे म्हें चड़ा
ठूट गयी है आज बात पनेर री … (२)
शूरो होतो तो चढ़तो वार में, कोई
शूरो होतो तो चढ़तो वार में
लान्छां री सुण विनती
बोल्या तेजोजी आय
गुजरी बोली शूर है
तो चड़ो गायां री वार
क्षत्री थारो धरम निभावो कँवर तेजा हो
गोर में अरडावे बाळक बाछड़ा
घर में थारे घोड़ी क्यूँ राखो कँवर तेजा हो
भाल ने तलवार सुं बोज्या क्यूँ मरो
लांछन मती ना लगाए लान्छां गुजरी ए … (२)
थारोड़ी गायां रे वारे म्हें चड़ा, लान्छां
थारोड़ी गायां रे वारे म्हें चड़ा
ठूट गयी है आज बात पनेर री … (२)
शूरो होतो तो चढ़तो वार में, कोई
शूरो होतो तो चढ़तो वार में
जिण कसाई लिलण अबी
पांचु सश्त्र लिया हाथ
गायां री वारां में चडियो
वीर तेजोजी जाट
दोय घडी डब जावो परण्या साथे चढ़सुं वार में
जघड़े री वेळ्या मैं घोड़ी कामसुं
अरे जघडा री जातत बुरी है, सुणले पेमल गोरी हो
शूरो जोजे ने कायर कांपशी
शूरो एकलो चढ़ गयो वारां में कँवर तेजा रे … (२)
उगतडे परभाते तेजो चालियो … (२)
गाँव पनेर री कांकड़ माथे लाय धधकती ज्वाला रे
बळतोड़ी अग्नि में देख्यो नाग जी
दया तो विचारी शूरे कष्ठ पावे ओ नाग जी
भाल रे फटकारे सुं बारे काडियो
बळती ल्हाय सुं नाग बचायो
जीव दया ने जाण
नाग देवता बोल्या तेजा
कियो गजब अन्याय
म्हारी देहा पर दाग लगायो, जातो स्वर्गाँ म्हाई ए
क्यूँ तो बचायो म्हाने आय ने
लाखिणी थारी जान बचाई, सुण ले वासंग राजा ए
गुण तो नी मान्यो, ओ गुण मानियो
स्वर्गाँ में जातोड़ो आज छुडायो कँवर तेजा रे … (२)
म्हारे काळजिये उठी जाळ रे … (२)
जीवन तो बचायो थारो, सुण ले वासंग राजा ए
दांडी छोड़े ने सरको दूर ने
केह्ला सुं हठ जावो दूरां, सुण लो वासंग राजा ओ
लिलण री टापाँ सुं किचर्यो जावशी
गर्व छतो क्यूँ बोले तेजा
कायर थूं मती जाण
गटको एक करूँ मैं थारो
ले लिलण ने साथ
गटके रो काईं करो, गुमान वासंग राजा ए
शूरो पुरो मरणे सुं न डरे
थारी सासु रो श्राप आडो फिरियो कँवर तेजा रे
थाने दंसुन्ला चिट्टू आंगळी
गुजरी री गायां फेरन लावुं वासंग राजा ओ … (२)
आवुं बम्बी वचनों रे बांधियो, म्हें तो
आवुं बम्बी वचनों रे बांधियो
चाँद सूरज री साख में वचन देवुं वासंग राजा ए
खाँन्ड्या खेजड री देरावुं जामणी
बम्बी आई जूनो वेर चुकावूँ वासंग राजा ए
देवे वचन बेटो जाट को
जेहरी वेरी ने आदर दीनो
शूराँ री पाळी प्रीत
अमर आशीष है नाग री
होशी झघडा में जीत
भाखर घाटी ढाणी चाल्या, चाल्या कँवर तेजा रे
मीणा ललकार्या बेटे जाट के
तेजे री तलवार चमकी, भालो चलियो हाथ में
मेणा पड़िया पगाँ में आय ने
झघडा माँहि जीत करी, चाल्या कँवर तेजा रे … (२)
गायां घेरे ने चाल्यो देश में, पाछो
गायां घेरे ने चाल्यो देश में
गिण गिण गायां, सँभाळो लान्छां गुजरी ए
गाम री छाया में मेलो बाछड़ा
लाया सारी गायां, लारे रह गयो काणो केरड़ो
सारा रा विनायक लारे छोड़ियो
सुण लान्छां री बात तेजो जी
पाछा गिरिया जाय
लिलण ने अब हुकम दिरायो
पाछी गेले चाल
आई ज्यूँही पाछी गीर जा ए लिलण म्हारी ए
लोहया री तिरसाई लान्छां गुजरी
मीणा ने ललकार्या पाछा, वीर कँवर तेजा रे
मचियो घमसाण रण में जोर को
बाणा सुं शरीर बिन्दिजियो कँवर तेजा रे … (२)
लोहया सुं केसरियो जामो रंग गयो … (२)
ओ ले थारो केरड़ो, सँभाळो लान्छां गुजरी ए
सारा म्हें सिरायत थारी दूध को
पेमल काईं भला ही पदारिया जीजा म्हारा ओ
गायां बिण रहती बिलखी गुजरी
आई ज्योंही पाछी फिर जा
लिलण ने बोल्या बोल
वचन निभाणे बम्बी चलश्यां
मती लगाजे जेज
पूरब रे जन्मां रो बेर चुकाणों लिलण म्हारी ए
कोल निभावे बेटो जाट को
नख दे नाग जगावो भोळी नागण ए
धोळ्यो घुमे है बम्बी नाग रे
आयो ज्योंही पाछो, गीर जाजे कँवर तेजा रे
अवतारी कहिजे कुळ में एकलो
वचन निभायो थे तो वीर कँवर तेजा रे … (२)
जीव तो देवुं में थाने दान में, थारो
जीवन देवुं में थाने दान में
कायर मती जाण म्हाने, डस जा वासंग राजा ए
जेहरी वेरी रे आगे न झुके
म्हें तो म्हारो वचन निभायो वासंग राजा ए
कौल निभावो वासंग देवता
नाग देवता सुण तेजा री
बात में सूर्यो जोश
डंसवा ने तैयार हो गया
मन में करी कर सोच
थारी देहि सुं लोही टपके, सुणले कँवर तेजा रे
घावाँ उपर वासंग न डँसे
के तो म्हारी हथेल्या ने जीभ कंवारी म्हारी ए
कठे भी डस जावो वासंग देवता
धीन धरती, धीन मात-पिता है तेजा थारा .. (२)
धीन धोर्याधर जामो पावियो, थे तो
धीन धोर्याधर जामो पावियो
काळ्यो हो धोळ्या रो बैरी, आज जुगाँ सुं तेजा रे
काळ्यो हार्यो ने धोळ्यो जीतियो
तेजो नहीं थू शूरो है कोई, बात सुण ले म्हारी ए
देवे वरदान वासंग देवता
कुळ रो थुं कुळ देव बणेला
पूजा घर घर म्हायं
हळोतिये ने करे थारी पूजा
पान लागो छड जाय
अमर आशीष आ म्हारी कँवर तेजा रे
जुग में अमर वेला नाम जी
धीन धीन तो शूराँ री जाई, मरूधर जन्मी वीर की
वारी वारी ओ तेजा जाट ने
रणी बनी ने आशु देवाशी, बकरिया चरावे रे … (२)
तेजे रबारी ने हेलो मारियो … (२)
अबकी माँहि काम आवे तो भाई जाणु वीरे ए
म्हारोड़ा समचार सासरिये देवजो
जनम जनम रो बेर चुकायो, डसिया वासंग राजा ए
मोळियो पेमल ने करजे पूगतो
शूरवीर तेजा री गाथा
अमर चारों देश म्हांय
शूरा शूरापो जागशी
मारवाड़ रे म्हाय
सासु-सुसरा ने दिजो राम जवार्यां म्हारी ए
देजे पेमल ने मेमल मोळियो
निजरियाँ सुं देखी दिशी कहिदिजे पेमल गोरी ने
घडी पळक रो तेजो पाँवणो
रोवती लिलण ने बोल्या बोल्या कँवर तेजा रे … (२)
साचोड़ा समचार बोले ने केवजे, लिलण
साचोड़ा समचार बोले ने केवजे
काका भाभा ने कहिजे परणाम हाथ जोड़ म्हारा
भाई भोजाई ने कहिजे नींवणो
बाई राजल ने धीरज, दीजो लिलण म्हारी ए
बेनड़ सुं बिछोड़ो संवरे घालियो
दे भलामण लिलण ने
तेजो बोल्यो बोल
डस ल्यो म्हाने वासंग राजा
थारो पुरो कीनो कौल
जीभड़ल्या डंख, भरो नी वासंग राजा ए
लिलण के ठाणे घालो बेसणो
नाग देवता उपर चडिया, ठाणे घाल्यो बेसणो
झपटो तो मार्यो वासंग देवता
अमरापुर चाल्यो है हंसलो परदेशी बण पाँवणो … (२)
झड गया फूलडा ने रेह गई वासना … (२)
तेजो जेड़ो वीर जायो वा जननी महान है
एडो शूरो दुनिया में न मिले
पाळी पाळी वचना री प्रीत कँवर तेजा रे
जुग में सवायो हो ग्यो भोमियो
अमर नाम तेजोजी जुग में, गावे घर घर गीत जी
मरूधर धरती में हो ग्यो नाम जी … (२)
बणियो बणियो नागाणा खरनाल मोटो धाम जी
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे