Veer Tejaji Geet लीलण प्यारी जय वीर तेजाजी
हां लीलण म्हारी, ज्याईजे ज्याईजे
गढ़ खरनाले शहर,, तू तो
गढ़ खरनाले शहर
बाबल ने निवण, देवजे
तेजा जी कइँया, जाऊं
तेजा जी कइँया, जाऊं
खाली म्हारी पीठ,, कोई
सूनी म्हारी पीठ
मावड़ली देसी, ओलबा
ओ लीलण म्हारी, केइजे केइजे
सांचोड़ा समा.चार, तू.तो
सांचोड़ा समा.चार
नजराँ सूं देखी, केवजे
तेजा जी कइँया जाऊं
खाली म्हारी पीठ,, कोई
सूनी म्हारी पीठ
मावड़ली देसी, ओलबा
तेजाजी, ऐड़ा कांई लिखिया
खोटा विधाता ले_ख, म्हारा
ऐड़ा कांई लेख
तेजल से छेती, मैंतोपड़ा
ओ लीलण म्हारी राखो राखो
मनड़ा में धीर,, थे तो
मनड़ा में धीर,
सुरगा में मिलसी, जीवड़ा
ओ तेजाजी, थां बिन, म्हारे
जीवण को नही सार, म्हारो
सुनो यो, संसार
लीलण भी संग में चालसी
प्यारी लीलण , म्हे थारो चंदो
तू म्हारी चकोर , म्हारे
कालजिया री कोर
मानूँ म्हे थाने जीवरीजड़ी
हां लीलण म्हारी, मत.ना, तू तो
आँसूड़ा ढलकाय, मत
आँसूड़ा ढलकाय
तेजल को काँपे,, जीवड़ो
तेजा जी कांईयां रोकूँ
तेजा जी कांईयां रोकूँ
नैणा मायलो नीर, म्हारे
नैणा मायलो नीर
म्हारो भरभर आयो, हिवड़ो