भोले बाबा हमारे मिलेंगे

प्रेम भक्ति से मिलकर पुकारो,
भोले बाबा हमारे मिलेंगे,
तन में भस्मी भभुति रमाए,
नाग गर्दन में धारे मिलेंगे,
भोले बाबा हमारें मिलेंगे।।

वो है दाता जगत है भिखारी,
सब है उनके चरण के पुजारी,
उनकी चौखट पे ये दुनिया वाले,
अपनी झोली पसारे मिलेंगे,
भोले बाबा हमारें मिलेंगे।।

उनको चाहिए ना मिष्ठान मेवा,
ना वो चाहे किसी की भी सेवा,
उनको चाहे अगर कोई पाना,
भक्ति रस के सहारे मिलेंगे,
भोले बाबा हमारें मिलेंगे।।

जिसने सच्चे है दिल से पुकारा,
उनको देते है भोले सहारा,
अपने भक्तों की नैया भंवर से,
‘लख्खा’ करते किनारे मिलेंगे,
भोले बाबा हमारें मिलेंगे।।

राम के भेष में वो ही आए,
कृष्ण बनकर के लीला रचाए,
उनकी माया को ‘शर्मा’ क्या जाने,
वो कई रूप धारे मिलेंगे,
भोले बाबा हमारें मिलेंगे।।

प्रेम भक्ति से मिलकर पुकारो,
भोले बाबा हमारे मिलेंगे,
तन में भस्मी भभुति रमाए,
नाग गर्दन में धारे मिलेंगे,
भोले बाबा हमारें मिलेंगे।।

स्वर – लखबीर सिंह लख्खा जी।
Bhole Baba Hamare Milenge · Lakhbir Singh Lakkha · Durga-Natraj · Guru Ji Ram Lal Sharma
Bholenath Dear

Leave a Comment