ॐ असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय
ॐ असतो मा सद्गमय।तमसो मा ज्योतिर्गमय।मृत्योर्मामृतं गमय ॥ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥ -बृहदारण्यकोपनिषद् 1.3.28 पवमान मन्त्र या पवमान अभयारोह बृहदारण्यक उपनिषद में विद्यमान एक मन्त्र है। यह मन्त्र मूलतः सोम…
ॐ असतो मा सद्गमय।तमसो मा ज्योतिर्गमय।मृत्योर्मामृतं गमय ॥ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥ -बृहदारण्यकोपनिषद् 1.3.28 पवमान मन्त्र या पवमान अभयारोह बृहदारण्यक उपनिषद में विद्यमान एक मन्त्र है। यह मन्त्र मूलतः सोम…
त्वमेव माता च पिता त्वमेव।त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।।त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव।त्वमेव सर्व मम देवदेव।। https://www.youtube.com/watch?v=dFIHjaOc3FM Twameva Mata Cha Pita TwamevaTwameva Bandhuscha Sakha TwamevaTwameva Vidya Dravinam TwamevaTwameva Sarvam Mama Deva Deva!…
लोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतुलोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतुलोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतुओम शांति शांति शांति-ही लोकाः – Lokah इसका बहुआयामी अर्थ है। शाब्दिक अनुवाद, लोकह का अर्थ है कि मनुष्य हालांकि संस्कृत में अपनी बहुआयामी…
जीवन में तीन प्रकार के दुख आते है. हमारे तीन शरीर हैस्थूल शरीर, सूक्षमा शरीर और कारण शरीर इन सभी स्तरों में दुख आते है।मानव को जीवन में इन तीनो…