हेली ये मान वचन सत मेरो भजन लिरिक्स
, Heli Ye Man Vachan Sat Mero rajasthani heli bhajan lyrics
मान वचन सत मेरो भजन लिरिक्स
भटकत केम फिरयो मन कुंगर ,
ताहि में पीव तेरो ।
हेली ये मान वचन सत मेरो।
धार विश्नास हाल गुरु वचना ,
प्रेम प्रीत कर हेरो।
घट में पुरुष बेस अविनाशी ,
अजर अमर घर तेरो।
हेली ये मान वचन सत मेरो। टेर।
परसो मेल देश प्रीतम को ,
बिन शशी भाण उजियारा।
त्रिविध ताप ताहि नहीं व्यापे ,
होव कर्म झक झेरो।
हेली ये मान वचन सत मेरो। टेर।
अटल स्वांग भाग धन तेरो ,
निस दिन भर्म भिचारो।
होय निसंग संग लालन की ,
में सो आनंद घणेरो।
हेली ये मान वचन सत मेरो। टेर।
चारु वेद पुकारे प्रगट में ,
निसदिन करे निवेरो।
कह लिखमो भगवत री कृपा ,
मिटे जन्म मरण रो फेरो।
हेली ये मान वचन सत मेरो। टेर।
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rajasthani heli bhajan lyrics
Heli Ye Man Vachan Sat Mero
Bhatakat kem firyo man kungar,
tahi me peev tero.
heli ye man vachan sat mero.
dhar vishvas hal guru vachna,
prem preet kar hero.
ghat me purush bes avinashi,
ajar amar ghar tero.
heli ye man vachan sat mero.
parso mel desh preetam ko,
bin shashi bhan ujiyara.
trividh tap tahi nhi vyape,
hov karm jhak jhero.
heli ye man vachan sat mero.
atal swang bhag dhan tero,
nis din bharma bhicharo.
hoy nisang sang lalan ki,
me so aanand ghanero.
heli ye maan vachan sat mero.
char ved pukare pragat me,
nisdin kare nivero.
kah likhmo bhagawat ri kripa,
mite janam maran ro fero.
heli ye maan vachan sat mero.
हेली भजन लिरिक्स
हेली ये मान वचन सत मेरो
भटकत केम फिरयो मन कुंगर ,ताहि में पीव तेरो ।
हेली ये मान वचन सत मेरो।
धार विश्नास हाल गुरु वचना ,प्रेम प्रीत कर हेरो।
घट में पुरुष बेस अविनाशी ,अजर अमर घर तेरो।
हेली ये मान वचन सत मेरो। टेर।
परसो मेल देश प्रीतम को ,बिन शशी भाण उजियारा।
त्रिविध ताप ताहि नहीं व्यापे ,होव कर्म झक झेरो।
हेली ये मान वचन सत मेरो। टेर।
अटल स्वांग भाग धन तेरो ,निस दिन भर्म भिचारो।
होय निसंग संग लालन की ,में सो आनंद घणेरो।
हेली ये मान वचन सत मेरो। टेर।
चारु वेद पुकारे प्रगट में ,निसदिन करे निवेरो।
कह लिखमो भगवत री कृपा ,मिटे जन्म मरण रो फेरो।
हेली ये मान वचन सत मेरो। टेर।
pancharam ji maharaj ke bhajan
भजन/Bhajan Title = हेली ये मान वचन सत मेरो
गायक/Singer = = संत पांचाराम जी महाराज
Bhajan Text- भजन