कद आवोला सांवरिया म्हारे देश भजन लिरिक्स
kad aavola sawariya mhare desh Bhajan Lyrics
जोवा थारी बाट घणी भजन लिरिक्स
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी।
फुला भरियो बाटको,
केसर भरी परात।
हाजिर ऊबा कानुड़ा,
मैं जोवा थारी बाट।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
सावण आवण कह गये,
कर गये कोल अनेक।
गिणता गिणता घिस गई,
मारी आंगलिया री रेख।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
कागद नहीं स्याही नहीं जी ,
नहीं किणरो प्रवेश।
पंछी को परवेश नहीं है ,
किस विध लिखू सन्देश।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
सांवरा ने ढूंढण में गई जी ,
कर जोगण का भेष।
ढ़ूंढ़त ढ़ूंढ़त जुग भया जी ,
धोला हो गया केश।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
मोर मुकुट तन काछनी जी ,
घूंघर वारा केश।
मीरा ने गिरधर मिल्या जी ,
धर नटवर का भेष।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
बागा में जद कोयल बोले,
मनडो म्हारो सतावे।
दास ‘अमानत’ सांवरिया बस,
नाम आप को गावे।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
sanwariya seth bhajan lyrics in hindi
kad aavola sawariya mhare desh
kad aavola sanwariya mhare desh,
jova thari baat ghani.
fula bhariyo batko,
keshar bhari parat.
hajir uba kanuda,
me jova thari baat.
kad aavola sanwariya mhare desh,
jova thari baat ghani.
savan aavan kah gaye,
kar gaye kol anek.
ghinta ghinta ghis gai,
mari aangaliya ri rekh.
kad aavola sanwariya mhare desh,
jova thari baat ghani.
kagad nhi syahi nhi ji,
nhi kinro pravesh.
panchi ko parvesh nhi hai,
kis vidh likhu sandesh.
kad aavola sanwariya mhare desh,
jova thari baat ghani.
sanwara ne dhundhan me gai ji,
kar jogan ka bhesh.
dhundhat dhundhat jug bhaya ji,
dhola ho gaya kesh.
kad aavola sanwariya mhare desh,
jova thari baat ghani.
mor mukut tan kachhani ji,
ghunghar vara kesh.
meera ne girdhar milya ji,
dhar natavar ka bhesh.
kad aavola sanwariya mhare desh,
jova thari baat ghani.
baga me jad koyal bole,
manado mharo satave.
das amanat sanwariya bas,
naam aap ko gave.
kad aavola sanwariya mhare desh,
jova thari baat ghani.
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कद आवोला सांवरिया म्हारे देश
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी।
फुला भरियो बाटको,केसर भरी परात।
हाजिर ऊबा कानुड़ा,मैं जोवा थारी बाट।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
सावण आवण कह गये,कर गये कोल अनेक।
गिणता गिणता घिस गई,मारी आंगलिया री रेख।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
कागद नहीं स्याही नहीं जी ,नहीं किणरो प्रवेश।
पंछी को परवेश नहीं है ,किस विध लिखू सन्देश।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
सांवरा ने ढूंढण में गई जी ,कर जोगण का भेष।
ढ़ूंढ़त ढ़ूंढ़त जुग भया जी ,धोला हो गया केश।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
मोर मुकुट तन काछनी जी ,घूंघर वारा केश।
मीरा ने गिरधर मिल्या जी ,धर नटवर का भेष।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
बागा में जद कोयल बोले,मनडो म्हारो सतावे।
दास ‘अमानत’ सांवरिया बस, नाम आप को गावे।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी। टेर।
azhar ali bhajan lyrics
भजन/Bhajan Title = कद आवोला सांवरिया म्हारे देश
गायक/Singer = = अज़हर अली
Bhajan Text- भजन