था आया सूं सुधरे काज पधारो कीर्तन में गणराज
था आया सूं सुधरे काज, पधारो कीर्तन में गणराज, कीर्तन में गणराज पधारो, कीर्तन में गणराज।। देवा रा सिरमौर गजानंद, सबसे पहल्या ध्यावा, ऊंचे आसन आन विराजो, चरना शीश नवावा, थारी खूब करा मनवार, पधारो कीर्तन में गणराज।। शिव शंकर का पुत्र लाडला, मूसे की असवारी, सूंड सुन्डाला दूंद दुदाला, शोभा लागे न्यारी, भरदयो …