नित प्रेम की गंगा बेहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में

नित प्रेम की गंगा बेहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में,
फल मिलता है सब तीर्थो का बाला जी तुम्हारे चरणों में।।

मैं जन्म जन्म से भटका हु अब शरण तुम्हारी आया हु,
हम बुले भटके जीवो का कल्याण तुम्हारे चरणों में,
नित प्रेम की गंगा बेहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में।।

दुखियो के कष्ट मिटाते है,दुःख लेकर सुख पोहचाते,
मिले जन्म मरण से छुटकारा जो आये तुम्हारे चारणो में
नित प्रेम की गंगा बेहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में।।

इक बार जो दर्शन पाता है दिल तुम को ही दे जाता है
क्या खूब भरे है भगति के भण्डार तुम्हरे चरणों में ,
नित प्रेम की गंगा बेहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में।।

जन्मो का बिछड़ा शरण पड़ा मैं हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़ा,
चौरासी का काटो बंधन ये है दास तुम्हारे चरमो में,
नित प्रेम की गंगा बेहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में।।

Nit Prem Ki Ganga Behti Hai
Balaji Tumhare Charano

Nit Prem Ki Ganga Behti Hai
Balaji Tumhare Charano

Phal Milta Hai Sab Teertho Ka
Balaji Tumhare Charano Mein

Main Janam Janam Se Bhatka Hu
Ab Sharan Tumhari Aaya Hu

Hum Bhoole Bhatako Ka Hoga Kalyan
Tumhare Charano Mein

Nit Prem Ki Ganga Behti Hai
Balaji Tumhare Charano

Dukhiyo Ke Kast Mitate Hai
Dukh Lekar Sukh Pahuchate Hai

Mile Janam Maran Se Chhutkara
Jo Aaye Tumhare Charano Mein

Nit Prem Ki Ganga Behti Hai
Balaji Tumhare Charano

Ek Baar Jo Darshan Paata Hai
Dil Tumko Hi De Jata Hai

Kya Khoob Bhare Hai
Bhakti Ke Bhandaar
Tumhare Charano Mein

Nit Prem Ki Ganga Behti Hai
Balaji Tumhare Charano

Janmo Ka Bichhada Sharan Pada
Main Haath Jod Tere Dwar Khada

Chaurasi Ka Kato Bandhan
Yah Das Tumhare Charano Mein

Nit Prem Ki Ganga Behti Hai
Balaji Tumhare Charano

Phal Milta Hai Sab Teertho Ka
Balaji Tumhare Charano Mein

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