बाबा का दरबार लगै सै री मंगल और शनिवार भजन लिरिक्स

बाबा का दरबार लगै सै री मंगल और शनिवार
बाबा का दरबार लगै सै री मंगल और शनिवार।।

बालाजी की जोत जगै सै ,
कटते रोग पुराणे री कटते रोग पुराणे री,
एक दरखास लगै चरणां में,
पल में बाबा आणे री पल में बाबा आणे री,
पल में रोग कटै सै री, मंगल और शनिवार।।

छोटे छोटे दो लाडु, खाए त पेशी
आवस खाए त पेशी आवस आवस खाए त पेशी आवस,
मार मार के सोटे बाबा, मार मार के सोटे बाबा,
घेर जोत प ल्यावः स घेर जोत प ल्यावः स,
ओपरा नहीं डटै सै री, मंगल और शनिवार।।

दरबारां जोत जगै से पहरे प हनुमान खड़ै
पहरे प हनुमान खड़ै,
दरबारां जोत जगै से पहरे प हनुमान खड़ै
धरया लंगोटा बालाजी का,
दिखं सं भगवान खड़ै दिखं सं भगवान खड़ै,
सोये भाग जगैं सै री, मंगल और शनिवार।।

बाले भक्त जोत प बैठे, सिर प हाथ मुरारी का
सिर प हाथ मुरारी का,
बाले भक्त जोत प बैठे, सिर प हाथ मुरारी का
महराणे में झंडा गडरहया,
बाबा संकटहारी का बाबा संकटहारी का,
गुहणिया राम रटै सै री, मंगल और शनिवार।।

बाबा का दरबार लगै सै री, मंगल और शनिवार
बाबा का दरबार लगै सै री, मंगल और शनिवार।।

भजन लिरिक्स

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