सालासर हनुमान म्हारा
अंजनी माँ का लाल सा।।
ओ जी सालासर हनुमान म्हारा,
अंजनी माँ का लाल सा,
केसरिया चोला सोहे सा,
सालासर हनुमान।।
स्वर्ण मुकुट थारे सर पे सोहै,
काना में थारे कुण्डल सा,
गल बैजंती माल सोहै,
हाथां में खड़ताल,
हाथां में घोटो सोहै सा,
सालासर हनुमान।।
अंग पे थारे चोला साजै,
लाल लंगोटा वाला सा,
थारे दर पर दर्शन करबा,
आवे नर नारी सा,
थे घणा रूखाळा लागो सा,
सालासर हनुमान।।
बाँध के घुंघरू नाचै है जी,
बालाजी महाराज सा,
झूम झूम कर नाचे है जी,
बालाजी सरकार सा,
थे राम नाम का दीवाना सा,
सालासर हनुमान।।
राम जी का दास थे तो,
सीता माँ का दुलारा सा,
अर्जी या स्वीकार ज्योजी,
सालासर सरकार सा,
म्हाने चरणां माहीं राखो सा,
सालासर हनुमान।।
चैत्र सुदी पूनम ओ जी,
मेलो लागे जोर सा,
शाम सवेरे होवे सा,
झालर की झंकार सा,
संकट में आडे आवे सा,
सालासर हनुमान।।
ओ जी सालासर हनुमान म्हारा,
अंजनी माँ का लाल सा,
केसरिया चोला सोहे सा,
सालासर हनुमान।।